पहलगाम आतंकी हमले में नया खुलासा- चश्मदीद ने सुनाया दिल दहला देने वाला सच, हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकियों ने मनाया जश्न

22 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे आतंकियों ने हमला शुरू किया। तीन पाकिस्तानी आतंकी, स्थानीय मददगारों की सहायता से एक वाहन में आए और अंधाधुंध गोलियां चलाकर 26 लोगों की हत्या कर दी

Dileep Mishra
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पहलगाम आतंकी हमले में नया खुलासा- चश्मदीद ने सुनाया दिल दहला देने वाला सच, हमले के बाद पाकिस्तानी आतंकियों ने मनाया जश्न

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष लोगों की हत्या की तस्वीरें अभी भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। अब इस हमले से जुड़ा एक चश्मदीद गवाह सामने आया है, जिसकी गवाही ने इस बर्बर घटना को और भी भयावह बना दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को दिए गए इस गवाह के बयान में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा हवाई फायरिंग कर जश्न मनाने की बात भी सामने आई है।

चश्मदीद को मिला ‘स्टार प्रोटेक्टेड विटनेस’ का दर्जा

इस हमले के सिलसिले में NIA को एक स्थानीय व्यक्ति की गवाही मिली है, जिसे ‘स्टार प्रोटेक्टेड विटनेस’ का दर्जा दिया गया है। यानी उसकी पहचान और सुरक्षा की जिम्मेदारी अब सरकार की है। गवाह का आतंकियों से आमना-सामना हुआ था, लेकिन उसकी सूझबूझ और स्थानीय कश्मीरी लहजे में कलमा पढ़ने की वजह से उसकी जान बच गई।

पूछताछ में गवाह ने बताया

“मुझे आतंकियों ने रोका और कहा कि कलमा पढ़ो। मैंने जैसे ही कश्मीरी अंदाज में कलमा पढ़ा, उन्होंने मुझे छोड़ दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने आसमान की ओर चार गोलियां चलाईं और जोर-जोर से कुछ चिल्लाए जैसे किसी जीत का उत्सव मना रहे हों।” NIA ने गवाह के इस बयान के आधार पर घटनास्थल से चार खाली कारतूस भी बरामद किए हैं, जो उसकी बात की पुष्टि करते हैं।

आतंकी नेटवर्क में स्थानीय मददगारों की भूमिका

इस गवाह ने एक और अहम जानकारी दी है। उसने दो स्थानीय नागरिकों, परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद को आतंकियों का सामान पहाड़ी रास्ते में ले जाते हुए देखा था। जांच में पता चला कि ये दोनों पहले से ही आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। परवेज और बशीर ने आतंकियों को रहने, खाने और छिपने की जगह मुहैया करवाई थी। सूत्रों के अनुसार 21 अप्रैल को दोपहर करीब 3:30 बजे तीन पाकिस्तानी आतंकी परवेज के घर पहुंचे थे। वहां से उन्होंने इलाके की रेकी की। जिसमें टूरिस्ट एरिया, रूट्स और सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण शामिल था। जाते समय परवेज की पत्नी से आतंकियों ने मसाले, चावल और पैसे लिए और कहा कि 22 अप्रैल को तैयार रहना।

हमले की योजना थी पहले से तैयार

जानकारी के अनुसार, हमले की पूरी साजिश पहले से रची गई थी। 22 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे आतंकियों ने हमला शुरू किया। तीन पाकिस्तानी आतंकी, स्थानीय मददगारों की सहायता से एक वाहन में आए और अंधाधुंध गोलियां चलाकर 26 लोगों की हत्या कर दी। यह हमला टारगेटेड भी था और आतंक फैलाने की नियत से भी।

सुलेमान शाह पर मुख्य साजिशकर्ता होने का शक

NIA की जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सुलेमान शाह की बड़ी भूमिका हो सकती है। सुलेमान इससे पहले सुरंग निर्माण परियोजना में कार्यरत 7 मजदूरों की हत्या के मामले में भी संलिप्त रहा है। NIA अब यह जांच कर रही है कि क्या सुलेमान ने हमले की मॉनिटरिंग पाकिस्तान से की या वह मौके पर भी मौजूद था।

NIA ने शुरू की आतंकी नेटवर्क की गहन जांच

NIA ने इस हमले के बाद पूरे आतंकी नेटवर्क की तह में जाने के लिए अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जांच में यह तो साफ हो चुका है कि हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा ने रची थी और पाकिस्तान से संचालित की गई थी। अब NIA उन स्थानीय मददगारों, फाइनेंसरों और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वालों की भी पहचान कर रही है जो आतंकियों के साथ संपर्क में थे।  इस हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी कड़े शब्दों में निंदा की थी। UNSC ने बयान जारी कर आतंकियों को, उनके मददगारों को और फाइनेंसरों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की थी। भारत ने भी इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की बात दोहराई थी।

अब तक की जांच में क्या-क्या सामने आया?

हमले की तारीख – 22 अप्रैल 2025
मृतकों की संख्या – 26
प्रमुख आतंकी संगठन- लश्कर-ए-तैयबा
मुख्य संदिग्ध- सुलेमान शाह
स्थानीय मददगार – परवेज अहमद, बशीर अहमद
चश्मदीद का बयान – आतंकियों ने कलमा सुनने के बाद उसे छोड़ा, फिर की हवाई फायरिंग
बरामद साक्ष्य- 4 कारतूस, स्थानीय संपर्कों की पहचान
जांच एजेंसी – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)