मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने सुसरी नदी पर 50 करोड़ रुपये की लागत से बांध बनाने को हरी झंडी दे दी है। यह बांध पानसेमल तहसील के राखी बुजुर्ग गांव में बनेगा और क्षेत्र के किसानों व ग्रामीणों के लिए वरदान साबित होगा। सुसरी नदी बांध परियोजना से खेती, पीने के पानी और बाढ़ नियंत्रण में मदद मिलेगी। आइए, इस परियोजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
किसानों के लिए नई उम्मीद
सुसरी नदी पर बनने वाला यह बांध बड़वानी जिले के किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। इस परियोजना से हजारों हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जिससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी। खासकर सूखा प्रभावित इलाकों में यह बांध खेती को मजबूती देगा। मोहन यादव सरकार का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला है, क्योंकि इससे न केवल कृषि को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

पीने का पानी और बाढ़ से राहत
यह बांध न सिर्फ खेती के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि आसपास के गांवों में पीने के पानी की समस्या को भी हल करेगा। राखी बुजुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में पानी की कमी एक बड़ी चुनौती रही है। सुसरी नदी बांध इस कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही, मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने में भी यह परियोजना कारगर होगी, जिससे गांवों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।
कब शुरू होगा काम?
मोहन यादव सरकार ने इस परियोजना को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 50 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए बजट मंजूर हो चुका है, और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। पानसेमल तहसील के राखी बुजुर्ग गांव में बांध का निर्माण स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि निर्माण के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखा जाए और स्थानीय समुदाय की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाए।
बड़वानी के लिए गेम-चेंजर
यह बांध बड़वानी जिले के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। सुसरी नदी पर बनने वाली यह परियोजना न केवल पानी की समस्या को हल करेगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे सकती है। मोहन यादव सरकार का यह फैसला ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्थानीय लोग इस खबर से उत्साहित हैं और इसे जिले के लिए गेम-चेंजर मान रहे हैं।