खर्च में कटौती की तैयारी में मोहन सरकार, इन सरकारी योजनाओं के लिए नहीं होगा बजट आवंटन

MP Budget : केंद्रीय बजट के बाद, मध्यप्रदेश सरकार ने भी अपने खजाने की स्थिति को सुधारने के लिए रणनीति तेज कर दी है। राज्य सरकार का फोकस मुख्य रूप से उन विभागों पर है जो ज्यादा कमाई कर सकते हैं, और खर्चों को घटाने की दिशा में गंभीर प्रयास हो रहे हैं। अनावश्यक खर्चों में कटौती की जा रही है, वहीं जनहित से जुड़ी योजनाओं के लिए बजट का आवंटन खुला रखा गया है। दूसरी ओर, जो योजनाएं अब प्रभावी नहीं हैं, उनके लिए बजट देने का फैसला नहीं किया गया है। इससे जो बजट बचता है, उसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में उपयोग किया जाएगा। 10 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में सरकार अपना बजट पेश करेगी, जो लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। इस संदर्भ में विभागों से प्रस्ताव भी मांगे जा चुके हैं।

समान प्रकार की योजनाओं को मिलाने का विचार

चालू वित्तीय वर्ष में राज्य का बजट 3.65 लाख करोड़ रुपये है, जबकि राज्य पर कर्ज का बोझ इससे ज्यादा है। सरकार का मुख्य उद्देश्य इस कर्ज को कम करना है, इसलिए आय बढ़ाने के उपायों पर विचार हो रहा है। मुख्यमंत्री पहले ही कमाऊ विभागों से चर्चा कर चुके हैं और इस बार बजट में खास तौर पर आम जनता, युवा, महिला, गरीब और किसान वर्ग के लिए अलग-अलग प्रावधान किए जा रहे हैं।

इन वर्गों के लिए विशेष मिशन भी शुरू किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही केंद्रीय योजनाओं का भी शत-प्रतिशत क्रियान्वयन किया जाएगा, जिसके लिए राज्यांश भी निर्धारित किया जाएगा। वहीं, वित्त विभाग ने सभी विभागों से यह निर्देश दिए हैं कि एक जैसी प्रकृति की योजनाओं को एक साथ मिलाने पर विचार किया जाए। जिन योजनाओं के लक्ष्य पूरे हो चुके हैं, उन्हें बंद करने का आदेश दिया गया है, और उन योजनाओं के लिए बजट जारी नहीं किया जाएगा। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर लिया जाएगा।