आचार्य महाश्रमण को मोहन भागवत ने दी RSS के स्मृति मंदिर की जानकारी

Shivani Rathore
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आज प्रातः परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमण राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के स्मृति मंदिर के अवलोकनार्थ पधारे। राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने परिसर के इतिहास आदि के विषय में अवगति प्रस्तुत की। आचार्यश्री ने डाॅ. हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकरजी की समाधि स्थल का अवलोकन किया। तत्पश्चात् आचार्यश्री ने महर्षि व्यास सभागृह का भी अवलोकन किया।आचार्य महाश्रमण को मोहन भागवत ने दी RSS के स्मृति मंदिर की जानकारीस्व. दत्तो पंत ठेंगड़ी सभागृह में करीब नौ बजे से आयोजित कार्यक्रम में आदरणीय सरसंघचालकजी ने आचार्यश्री का स्वागत करते हुए कहा-‘राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ और तेरापंथ का आत्मीय संबंध पीढियों से है। आचार्यश्री महाश्रमणजी मुझ पर अहेतुकी कृपा रखते हैं, इसलिए में भी आचार्यश्री के पास बार-बार जाता हूं। महाराष्ट्र में कोरोना की भयावह स्थिति और लोगों के बार-बार मना करने के बावजूद आचार्यश्री से मेरे निवेदन पर यहां पधारकर इस परिसर को और अधिक पावन कर दिया। आचार्यश्री की इस कृपा से हम अभिभूत हैं, कृतार्थ हैं।’आचार्य महाश्रमण को मोहन भागवत ने दी RSS के स्मृति मंदिर की जानकारीआचार्यश्री ने अपने उद्बोधन में कार्यकर्ताओं को संयम, सेवा, साहस और समता आदि गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के परिसर में आगमन के संदर्भ में आचार्यप्रवर ने कहा-‘हम नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के परिसर में आए हैं। मेरा मन था कि मुझे यहां आना है। तेरापंथ और राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ का संबंध वर्षाें पुराना है। भागवतजी मेरे पास आते रहते हैं। आज मैं आपके पास आ गया, इसका मुझे आत्मतोष है। राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ एक विस्तृत संगठन है। श्री भागवतजी मनीषी व्यक्ति हैं। राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ राष्ट्र की आध्यात्मिक-धार्मिक सेवा करता रहे। कार्यकर्ता खूब निष्ठा से साथ अच्छा कार्य करते रहें।

आचार्य महाश्रमण को मोहन भागवत ने दी RSS के स्मृति मंदिर की जानकारीतेरापंथ समाज की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पुस्तकालय के लिए महाप्रज्ञ वाङ्मय की 121 पुस्तकों का भेंट किया गया।आचार्य श्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिसर के स्मृति भवन से प्रस्थान कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार जन्म स्थल पर पधारे और उसका अवलोकन किया। तत्पश्चात आचार्यप्रवर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में पधारे। यहां आदरणीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने आचार्य श्री का सश्रद्धा स्वागत किया। श्री भागवत ने आचार्यप्रवर के समक्ष संघ कार्यालय से संबंधित इतिहास आदि की जानकारी प्रस्तुत की। श्री भागवत के अनुरोध पर आचार्य श्री उनके निवास कक्ष और संघ कार्यालय में भी पधारे। आचार्यश्री का आज शाम तक का प्रवास संघ मुख्यालय में है।आचार्य महाश्रमण को मोहन भागवत ने दी RSS के स्मृति मंदिर की जानकारीपरम पूज्य आचार्य प्रवर आदरणीय सरसंघचालक जी के निवेदन पर स्वयं झोली हाथ में लेकर गोचरी पधारे और उनके हाथ से भिक्षा ग्रहण की। आचार्यश्री द्वारा स्वयं झोली लेकर गोचरी पधारने का यह प्रथम प्रसंग था, जिसे देखकर सभी दर्शक अभिभूत थे। श्री भागवतजी आचार्य की कृपा के प्रति श्रद्धाप्रणत होकर बोले-‘इसे कहते हैं अहेतुकी कृपा।’