इस्तीफे की राह पर विजय शाह, मंत्री पद पर मंडरा रहा संकट, SC और MPHC ने भी लगाई फटकार

महिला सैन्य अधिकारी पर विवादित बयान को लेकर मंत्री विजय शाह को हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी कड़ी फटकार मिली है। न्यायालय की टिप्पणियों के बाद प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल तेज हो गई है और इस्तीफे की मांगें जोर पकड़ रही हैं।

Abhishek Singh
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महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर मंत्री विजय शाह को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से भी फटकार मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पद पर रहते हुए मंत्री को अपने कर्तव्यों और भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। वहीं, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने मंत्री शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति को लेकर भी आपत्ति जताई है। इस पूरे घटनाक्रम के चलते राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और उमा भारती समेत कई नेता मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने मंत्री विजय शाह पर निशाना साधते हुए गुरुवार को एक बार फिर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस की बातों का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि वह न तो नैतिकता पर खरी उतरी है और न ही देशभक्ति के मानदंडों पर। लेकिन हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय-समय पर दी गई नसीहतों का गंभीरता से पालन करना चाहिए।

भाषा की मर्यादा भूल गए मंत्री, पहले हाई कोर्ट फिर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकार

गुरुवार को युगलपीठ ने मंत्री विजय शाह के विरुद्ध हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एफआईआर दर्ज न होने पर असंतोष जताया। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वर्तमान एफआईआर ऐसे सामग्री के आधार पर दर्ज की गई है, जो कानूनी चुनौती की स्थिति में रद्द की जा सकती है। अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि एफआईआर में जिन तथ्यों और कथनों का उल्लेख होना चाहिए, उन्हें ध्यान में रखते हुए दोबारा एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही, हाईकोर्ट इस मामले में पुलिस जांच की निगरानी भी करेगा।

गुरुवार को मंत्री विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन उन्हें वहां भी कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का भान होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक मंत्री होने के बावजूद उन्होंने अनुचित भाषा का प्रयोग किया है। इससे पहले, बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान को लेकर नाराजगी जताई थी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान शाह के बयान को ‘कैंसर जैसा घातक’ करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई थी। पीठ ने डीजीपी को निर्देश दिए कि वे विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री ने ‘गटरछाप भाषा’ का उपयोग किया है, जो पूर्णतः अस्वीकार्य है। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की।