डॉ. अरुणा कुमार की डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (DME) के पद पर नियुक्ति के विरोध में प्रदेशभर के चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। यह विरोध अब राज्यव्यापी रूप ले चुका है। सोमवार को सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जूडा) ने इस नियुक्ति को दबाव में लिया गया निर्णय बताया है।
भोपाल में दिखेगा डॉक्टरों की एकता का प्रदर्शन
एमटीए मध्यप्रदेश की वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने सोमवार तक डॉ. अरुणा कुमार की डीएमई नियुक्ति का आदेश वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। एमटीए भोपाल के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि प्रदेश के सभी 18 सरकारी और स्वशासी मेडिकल कॉलेजों के पदाधिकारी राजधानी पहुंचेंगे और एक मंच पर एकत्र होकर धरना देंगे।

सांकेतिक प्रदर्शन के जरिए जताया असंतोष
सोमवार को भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और विदिशा सहित प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दोपहर 1 बजे से 1:30 बजे तक डॉक्टरों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस दौरान वे काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज करते रहे। साथ ही, मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के नाम संबोधित ज्ञापन डीन के माध्यम से सौंपा गया।
प्रदेश में गूंजा विरोध का स्वर
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने जानकारी दी कि प्रदेशभर में संगठन से जुड़े डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर मरीजों का उपचार किया। यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन डॉ. अरुणा कुमार को डीएमई पद पर नियुक्त किए जाने के विरोध में किया गया। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर समेत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों ने सेवा कार्य करते हुए विरोध दर्ज कराया।
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्यप्रदेश के संयुक्त आह्वान पर हुए इस प्रदेशव्यापी प्रदर्शन में मेडिकल टीचर्स और जूनियर डॉक्टरों ने डीन के माध्यम से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी आपत्ति दर्ज की।