सोनम रघुवंशी इंदौर से गाजीपुर तक कैसे पहुंची? ड्राइवर ने किए चौकानें वाले खुलासे

सोनम को इंदौर से गाजीपुर तक ले जाने वाले ड्राइवर पीयूष से शिलांग पुलिस ने की पूछताछ की। पूछताछ के दौरान शिलांग पुलिस को कुछ अहम् जानकारी हाथ लगी।

Srashti Bisen
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राजा रघुवंशी की हत्या का मामला धीरे-धीरे सुलझता नजर आ रहा है। शिलांग में हनीमून पर गए राजा की हत्या की गुत्थी तब उलझ गई जब उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी अचानक गायब हो गई। बाद में जांच में पता चला कि हत्या की साजिश में सोनम का हाथ था और उसने अपने प्रेमी राज कुशवाहा तथा उसके तीन साथियों आनंद कुर्मी, आकाश राजपूत और विशाल चौहान की मदद से यह वारदात अंजाम दिलवाई थी।

23 मई को हत्या के बाद से फरार चल रही सोनम ने आखिरकार 9 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के क ढ़ाबे पर सरेंडर कर दिया।

पुलिस को आखिर कैसे मिला सोनम के भागने का सुराग?

गाजीपुर में सोनम की लोकेशन मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने उसे तुरंत हिरासत में लिया और बाद में इंदौर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद इंदौर पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर सोनम को शिलांग पुलिस को सौंप दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह था कि हत्या के बाद सोनम इंदौर से करीब 1000 किलोमीटर दूर गाजीपुर कैसे पहुंची?

ड्राइवर पीयूष का अहम बयान

इस सवाल का जवाब मिला सोनम को इंदौर से गाजीपुर पहुंचाने वाले टैक्सी ड्राइवर पीयूष से पूछताछ के दौरान। शिलांग पुलिस ने इंदौर में पीयूष से लंबी पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि सोनम ने यात्रा के दौरान बुर्का पहन रखा था और लगातार किसी के संपर्क में थी। सफर के दौरान सोनम बार-बार मोबाइल पर मैसेज करती रही और चार बार कार से उतरकर किसी से कॉल पर बात भी की। उसे रास्ते भर कोई दिशा-निर्देश देता रहा।

गाजीपुर छोड़ने के लिए राज कुशवाहा ने दिए थे 30,000 रुपये  

ड्राइवर पीयूष ने पुलिस को बताया कि उसे सोनम को गाजीपुर छोड़ने के लिए राज कुशवाहा ने 30,000 रुपये दिए थे। 7-8 जून की रात इंदौर के देवास नाका क्षेत्र में एक किराए के फ्लैट से सोनम को पिकअप किया गया। रास्ते में सोनम ने कुछ भी नहीं खाया और पूरी यात्रा के दौरान वह बेहद शांत थी। गाजीपुर पहुंचने से पहले सोनम के पास एक कॉल आया, जिसके बाद उसने बाईपास के पास गाड़ी रुकवाई और वहीं उतर गई।