देश-दुनिया को मिला नया टाइगर रिजर्व, भीमबेटका खोजने वाले विष्णु वाकणकर के नाम से जाना जाएगा ‘रातापानी’ टाइगर रिजर्व

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By Srashti BisenPublished On: December 14, 2024

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को झिरी गेट पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह ऐलान किया कि रातापानी टाइगर रिजर्व अब प्रसिद्ध पुरातत्वविद् डॉ. विष्णु वाकणकर के नाम से जाना जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इस रिजर्व के महत्व और विकास की दिशा में कई अहम बातों का उल्लेख किया।

16 साल की लंबी प्रक्रिया के बाद रिजर्व घोषित हुआ

रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को आखिरकार 2 दिसंबर 2024 को टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया, जो 16 सालों की लंबी प्रक्रिया के बाद संभव हो सका। मुख्यमंत्री ने इस रिजर्व को राजधानी भोपाल के पास स्थित होने के कारण पर्यटकों के लिए खास महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अफसरों को एनटीसीए के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए रिजर्व के विकास की दिशा में जल्द काम करने के निर्देश दिए।

डॉ. वाकणकर के नाम से जाना जाएगा रातापानी टाइगर रिजर्व

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि रातापानी टाइगर रिजर्व का नाम अब डॉ. विष्णु वाकणकर के नाम पर रखा जाएगा। इसके लिए एक अलग अधिसूचना भी जारी की जाएगी। डॉ. वाकणकर को उनके पुरातात्त्विक योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाएगा, खासकर उनकी भीमबेटका गुफाओं की खोज के लिए, जो विश्व धरोहर स्थल के रूप में प्रतिष्ठित हुई।

डॉ. वाकणकर ने की थी भीमबेटका की गुफाओं की खोज

उज्जैन के रहने वाले डॉ. विष्णु वाकणकर ने 1957 में मध्य प्रदेश स्थित भीमबेटका गुफाओं की खोज की थी। इन गुफाओं में प्राचीन शिलाचित्र पाए गए, जो मानव सभ्यता के शुरुआती चरणों का महत्वपूर्ण प्रमाण हैं। उनकी इस खोज के कारण ही 2003 में भीमबेटका को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।

हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण खोजें

डॉ. वाकणकर ने उज्जैन के पास स्थित कायथा और महेश्वर के क्षेत्र में नावड़ातोड़ी का उत्खनन किया, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की संस्कृति का विस्तार इस क्षेत्र तक था। इसके अलावा, वे विक्रम विश्वविद्यालय से भी जुड़े रहे और उनके कार्यों ने भारतीय पुरातत्त्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

रातापानी टाइगर रिजर्व की लोकेशन भोपाल के नजदीक होने के कारण यह पर्यटकों के लिए बेहद सुविधाजनक और आकर्षक स्थल बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह रिजर्व राजधानी के आंगन में एक नई सौगात के रूप में पर्यटकों को मिलेगा।