प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। वह इंदौर से चॉपर के जरिए भैसोला स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे और लगभग 4 घंटे तक मध्यप्रदेश में रहेंगे। इस दौरान वे प्रदेश और देश को 8 बड़ी सौगातें देंगे, जिनमें पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास भी शामिल है। यह पार्क कॉटन उद्योगों को गति देने के लिए बनाया जाएगा।
पीएम मोदी का यह मध्यप्रदेश दौरा उनके जन्मदिन के अवसर पर हो रहा है। इससे पहले, वे 2022 में शिवपुरी के कूनो नेशनल पार्क आए थे, जहां उन्होंने भारत से लुप्त हो चुके चीतों को बसाया था। अब पीएम मित्रा पार्क के शिलान्यास के साथ ही वे पोषण माह का शुभारंभ भी करेंगे और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की किस्त लाभार्थियों को ट्रांसफर करेंगे।
कब और कहां होगा पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास?
प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को धार जिले के भैसोला में पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास करेंगे। इस पार्क का निर्माण देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में किया जाएगा, जो कॉटन उद्योगों को बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि इस पार्क से धार, रतलाम, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन और बड़वानी जैसे जिलों के कपास उत्पादक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
सीएम ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क के माध्यम से 6 लाख किसानों को लाभ होगा। यह पार्क कॉटन आधारित उद्योगों की नई इबारत लिखेगा और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्या अन्य योजनाओं की घोषणा भी होगी?
जी हां, पीएम मोदी इस अवसर पर कई अन्य योजनाओं की भी घोषणा करेंगे। इनमें स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान, सुमन सखी चैटबॉट सेवा, आदि कर्मयोगी अभियान के तहत आदि सेवा पर्व का शुभारंभ और महिला लाभार्थियों को पौधों का वितरण शामिल है। इसके अलावा, सिकल सेल स्क्रीनिंग कार्ड का वितरण भी किया जाएगा।
सीएम ने बताया कि ये योजनाएं आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने के लिए बनाई गई हैं, जिससे क्षेत्र के विकास में योगदान मिल सके।
किस तरह का होगा कार्यक्रम का आयोजन?
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ चर्चा की है। धार जिले में आयोजन की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। सीएम के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे।
सीएम ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में कांग्रेस ने आदिवासी समाज की राजनीति की, लेकिन भाजपा इस क्षेत्र को विकास की नई पहचान दे रही है।