मध्यप्रदेश में 1 हफ्ते पहले बदले मौसम के मिजाज ने जहां आम जन जीवन प्रभावित कर दिया हैं। वो अब सामान्य होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण भले ही अधिकतम टेंपरेचर से लोगों को राहत मिली हो, लेकिन इस बरसात ने बेचारे किसानों की आफत बढ़ा दी है। गुरुवार को भले ही प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई हो, लेकिन शनिवार से प्रदेश में फिर तेज बारिश का दौर शुरू हो सकता है।
इन जिलों में तेज बारिश के साथ गिरेगें ओले
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शुक्रवार को भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिले धार, खरगोन, बड़वानी, सागर, शाजापुर, देवास, अगर और कटनी जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने बताया है कि 25–26 मार्च को सागर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, शहडोल,ग्वालियर, चंबल, संभागों के जिलों में कहीं-कहीं आंधी के साथ बरसात हो सकती है।
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इसलिए बिगड़ा है मौसम
इन दिनों मध्यप्रदेश के मौसम के बदलने के पीछे अलग-अलग प्रणालियां जिम्मेदार साबित हो रही हैं। अरब सागर से नमी मिल रही है। इस वजह से मध्यप्रदेश के ज्यादातर शहरों में आंशिक बादल बने हुए हैं। एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। पहले से एक्टिव एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अब पूर्वी उत्तरप्रदेश से आगे बढ़ गया है। इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन्हीं तंत्रों के कारण प्रदेश में बारिश हो रही है।
कम पकी फसल काट रहे मजबूर किसान
इन दिनों निरंतर हो रही बरसात और भारी ओलावृष्टि से मध्यप्रदेश के लगभग 25 जिलों के किसानों को काफी ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ा है। रायसेन, सीहोर, ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, अलीराजपुर, धार, खंडवा, खरगोन, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बैतूल, हरदा, सतना, सिंगरौली, सागर, छतरपुर आदि जिले शामिल हैं। अब कई जगहों में किसान अपनी गेहूं चना की अदरक की फसल को ही काट रहे हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं यदि और वर्षा हुई तो यह फसल भी उनके हाथ से निकल सकती है।
गर्मी से राहत
गुरुवार को राजगढ़ में 35 डिग्री सेल्सियस सर्वाधिक टेंपरेचर दर्ज किया गया। वहीं, रीवा में सर्वाधिक न्यूनतम टेंपरेचर13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ हैं।