मंच टूटने से मचा हड़कंप
घटना के बाद घायलों को अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया, और प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
कांग्रेस नेताओं ने लगाए सरकार पर आरोप
घटना के बाद, कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया। पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ किसानों की आवाज उठाने का एक प्रयास था। उन्होंने आरोप लगाया कि न तो सोयाबीन के सही दाम मिल रहे हैं और न ही गेहूं के, और जब किसान अपनी मांगों के लिए ज्ञापन देने आते हैं, तो सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती। जीतू पटवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत से किसानों की लड़ाई लड़ेगी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने इस घटना को भाजपा का षड्यंत्र बताया। उनका कहना था कि भाजपा ने जानबूझकर मंच की अनुमति दी थी, लेकिन मंच के लिए पर्याप्त मजबूत पाए नहीं दिए गए थे, जिसके कारण मंच टूट गया।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं है। जब कांग्रेस किसानों के अधिकार के लिए आवाज उठाती है, तो सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए वाटर कैनन और लाठीचार्ज जैसी कार्रवाइयों का सहारा लेती है।