बिना साइट विजिट तैयार हुई योजनाएं, जल जीवन मिशन में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, 141 इंजीनियरों पर गिरी गाज

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: September 4, 2025

प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुई हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने 141 इंजीनियरों को नोटिस जारी किए हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बिना फील्ड विजिट और साइट निरीक्षण किए दफ्तरों में बैठकर योजनाओं की डीपीआर तैयार की। जांच में सामने आया कि इन इंजीनियरों ने न तो गांवों का भ्रमण किया और न ही वास्तविक स्थिति का आकलन किया, बल्कि कागजों पर ही योजनाओं का मूल्यांकन कर लागत अनावश्यक रूप से बढ़ा दी। इसी आधार पर विभाग ने सभी संबंधित इंजीनियरों से स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस उन इंजीनियरों को भी थमाए गए हैं, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मामले में विभागीय कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है।


8358 योजनाओं में खामियां उजागर

प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 19,000 से अधिक योजनाओं के प्रस्ताव बनाए गए थे। जांच में खुलासा हुआ कि इनमें से 8,358 योजनाओं का आकलन गलत तरीके से किया गया था। तैयार की गई डीपीआर में व्यय का अनुमान वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाता। अब राज्य सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर अतिरिक्त खर्च वहन करने की स्वीकृति दे दी है।

केंद्र ने अतिरिक्त राशि देने से किया इंकार

केंद्र सरकार ने बढ़ी हुई लागत को मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया। इसके चलते प्रदेश सरकार ने 2,813 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाने का निर्णय लिया, ताकि लगभग सात लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य बाधित न हो।