Shiva Navratri : महाकाल दूल्हे के रूप में सजेंगे, हल्दी चंदन का उबटन लगाया जाएगा तो वहीं मंगल गीत भी गूंजेंगे। अवसर होगा शिवनवरात्रि (Shiva Navratri) का, जिसकी शुरूआत 21 फरवरी से हो रही है। नौ दिनों तक महाकाल (Mahakal) के आंगन में शिवनवरात्रि का उल्लास बिखरेगा। बता दें कि उज्जैन और महाकाल मंदिर ही ऐसे है जहां महाशिवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक शिवनवरात्रि मनाई जाती है।
नौ दिनों तक अलग-अलग श्रृंगार
मंदिर में बाबा महाकाल का नौ दिनों तक अलग-अलग श्रृंगार किए जाएंगे जबकि महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह से ही निरंकारी स्वरूप में दर्शन होंगे। दूसरे दिन 2 मार्च को दोपहर 12 बजे भस्मारती होगी। वर्ष में एक ही दिन ऐसा होता है जब शिवरात्रि के दूसरे दिन सुबह की बजाय दोपहर 12 बजे महाकाल की अनूठी भस्मारती की जाती है। इस भस्मारती के दर्शन लाभ लेने हेतु श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित होते है। शिवनवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक हर दिन सुबह भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा और फिर इसके बाद श्री कोटेश्वर महादेव का पंचामृत पूजन संपन्न किया जाएगा। मंदिर परिसर स्थित शिव पार्वती की मूर्ति को चंदन हल्दी अर्पित होगा।

Also Read – 2022 Sankashti Chaturthi : संकष्टी चतुर्थी आज, ये है पूजन विधि और इस दिन की खास मान्यता
भक्त होंगे दर्शन कर निहाल
नौ दिनों तक महाकाल का छबीना श्रृंगार, घटाटोप, होल्कर, शेषनाग, मनमहेश, उमा महेश शिव तांडव और त्रिकाल रूप में दर्शन कर भक्त निहाल होंगे। महाशिवरात्रि के दिन महानिशाकाल में महाकाल का विशेष पूजन अर्चन होगा और इसके बाद सप्तधान स्वरूप में श्रृंगार कर राजाधिराज को पुष्प मुकुट सजाया जाएगा।
सुंगध से महकेगा दरबार

नौ दिनों तक केसर चंदन के साथ ही इत्र की महक से राजाधिराज महाकाल का दरबार महकेगा। नौ दिनों तक ही शाम के समय केसर व हल्दी से पुजारियों द्वारा बाबा महाकाल का अनूठा श्रृंगार भी किया जाएगा। यह अवसर शिव विवाह का माना जाता है और मान्यता है कि शिवनवरात्रि में दूल्हा स्वरूप महाकाल के दर्शन करने से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। यही कारण है कि न केवल सामान्य दिनों में बल्कि शिवनवरात्रि में भी देश विदेश के श्रद्धालु महाकाल के दर्शन लाभ लेने के लिए उज्जैन आते है।