(पिनल पाटीदार)
LIVE Bio CNG Plant Indore : स्वच्छता में नंबर वन आने वाला मध्यप्रदेश का शहर इंदौर अब कचरे से भी ऊर्जा बनाने में सक्षम हो गया है। बता दें कि, यहां एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट बनाया गया है। इस प्लांट की मदद से करीब 400 बसें बायो सीएनजी से चलेंगी। 19 फरवरी यानि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्लांट का उद्घाटन किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पीएम मोदी वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े।
इंदौर वाले सिर्फ सेव के शौकीन ही नही है, बल्कि वह सेवाभावी भी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम जब छोटे थे तो इंदौर का नाम आते ही सबसे पहले हमारे मन में देवी अहिल्या बाई होलकर का नाम आता था। इसके अलावा इंदौर वाले सिर्फ सेव के शौकीन ही नही है, बल्कि उन्हें सेवा करना भी बहुत ही अच्छे से आता है। समय के साथ इंदौर में काफी बदलाव हुए लेकिन देवी अहिल्या की प्रेरणा को इसने कभी खोने नहीं दिया। वहीं खास बात तो यह है कि अब इंदौर का नाम आते ही मन में सबसे पहले स्वच्छता का भाव आता है। साथ ही नागरिक कर्तव्य। जितने अच्छे इंदौर के लोग हैं उतना ही अच्छा उन्होंने मिलकर अपने शहर को बना दिया है। आज का दिन इंदौर के अभियान को नई ताकत देने वाला है।
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ताई सुमित्रा महाजन और शंकर लालवानी को दी बधाई
आगे उन्होंने कहा, आज शहर को बायो सीएनजी का जो प्लांट मिला है, इसके लिए आप सभी को बधाई। साथ ही पीएम मोदी ने सीएम शिवराज और उनकी टीम की बहुत प्रशंसा की और ताई सुमित्रा महाजन, वर्तमान सांसद शंकर लालवानी को भी बधाई दी। काशी विश्वनाथ धाम में देवी अहिल्याबाई होलकर जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा रखी गई है। इंदौर के लोग काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने जाएंगे तो वहां उन्हें देवी अहिल्याबाई के दर्शन भी करने को मिलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, गोबर-धन योजना याने कचरे से कंचन बनाने का काम है।
इंदौर एक माडल के रूप में तैयार हुआ
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कचरे से कंचन बनाने के अभियान की जानकारी सभी लोगो तक पहुंचनी चाहिए। इसके अलावा बीते 7 वर्षों में हमारी सरकार ने जो योजनाए बनाई है, वो स्थाई समाधान देने का काम कर रही है। साथ ही हमारा ये लक्ष्य है कि शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त करना है और उन्हें ग्रीन ज़ोन के रूप में तैयार करना है। इंदौर एक माडल के रूप में तैयार हुआ है। वहीं आगे कहा, आज देवगुराड़िया में जहां प्लांट है, वहां पहले कूड़े का ढेर ही नजर आता था। जिसे इंदौर ने पूरी तरह बदल दिया है।
समस्याओं को पहचान कर करें इमानदार प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि समस्याओं को हमें पहचानना होगा और यदि पहचान लिया साथ ही इमानदार प्रयास किया तो बदलाव जरूर संभव होगा। हमारे पास तेल के कुएं नहीं है लेकिन बायो फ्यूल से इथेनाल बनाने की क्षमता है। पेट्रोल में एथेनाल का प्रतिशत 8 प्रतिशत तक है। पहले देश मे 40 करोड़ एथेनाल ब्लेंडिंग में इस्तेमाल होता था अब 300 करोड़ एथेनाल ब्लेंडिंग के लिए उपयोग हो रहा है।
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इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअली जुड़े। साथ ही सांसद शंकर लालवानी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया सहित गणमान्य नागरिक और अधिकारी उपस्थित रहे।
इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जो 6 तरह के कचरे को अलग करता है
इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में सबसे पहले इंदौर के लोगों को बधाई दी। फिर उन्होंने कहा, इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जो 6 तरह के कचरे को अलग करता है। 20 से ज्यादा बाजार जीरो वेस्ट बने है, 3 हजार बेकलेन बनी है जहां बच्चे खेलते है साथ ही इंदौर में ‘मैं भी झोलाधारी इंदौरी’ अभियान चलाया जा रहा है।
इसके अलावा यहां नदियों को पुर्नजीवित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र का पालन भोपाल, जबलपुर और रीवा भी कर रहे हैं। इस प्लांट में गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। साथ ही बैक्टीरिया तैयार करने में गोबर का इस्तेमाल करेंगे। जिसके लिए किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। प्लांट में सौर उर्जा का उपयोग करेगा। इस तरह यह प्रोजेक्ट एक कहावत को यानि आम के आम गुठलियों के दाम की कहानी को चरितार्थ करता है। ऊर्जा साक्षरता का अभियान प्रदेश में चला रहे है, ताकि ऊर्जा को बचाने के साथ निर्माण भी हो।

कार्यक्रम से वर्चुअली जुडे केंद्रीय मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने 4 साल पहले इंदौर में हुए 3 आर कांफ्रेंस का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहां उस समय जापान के डेलीगेट ने कहा कि इंदौर शहर में कही गंदगी नहीं दिखी। इंदौर देश का पहला शहर था जिसे वाटर प्लस का तमगा मिला।
इस दौरान प्रोजेक्ट हेड नीतेश त्रिपाठी ने बताया, ‘”जैविक कूड़े को डीप बंकर में लोड करते हैं। फिर वहां से ग्रैब क्रेन से उठाकर प्रीट्रीटमेंटएरिया में यहां मिलिंग होती है। स्लरी में कंवर्ट करते हैं। स्लरी को डायजर्स में डाइजेस्ट करते हैं, उससे बायोगैस बनाते हैं। बायोगैसको स्टोरेज एरिया में ले जाते हैं, जिसमें मीथेन 55-60 होता है फिर उसे गैस क्लीनिंग और अपग्रेडेशन में ले जाते हैं।”
वहीं, इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि, “प्लांट से होने वाला विकास घनी आबादी वाले शहरों की वायु गुणवत्ता को शुद्ध करने में मदद करेगा। 550 मीट्रिक टन की कुल क्षमता के साथ यह संयंत्र 96 प्रतिशत शुद्ध मीथेन गैस के साथ सीएनजी का उत्पादन करेगा। संयंत्र को पीपीपी मॉडल और निजी एजेंसी के सहयोग से स्थापित किया गया है।”


इस दौरान प्रोजेक्ट हेड नीतेश त्रिपाठी ने बताया, ‘”जैविक कूड़े को डीप बंकर में लोड करते हैं। फिर वहां से ग्रैब क्रेन से उठाकर प्रीट्रीटमेंटएरिया में यहां मिलिंग होती है। स्लरी में कंवर्ट करते हैं। स्लरी को डायजर्स में डाइजेस्ट करते हैं, उससे बायोगैस बनाते हैं। बायोगैसको स्टोरेज एरिया में ले जाते हैं, जिसमें मीथेन 55-60 होता है फिर उसे गैस क्लीनिंग और अपग्रेडेशन में ले जाते हैं।”
वहीं, इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि, “प्लांट से होने वाला विकास घनी आबादी वाले शहरों की वायु गुणवत्ता को शुद्ध करने में मदद करेगा। 550 मीट्रिक टन की कुल क्षमता के साथ यह संयंत्र 96 प्रतिशत शुद्ध मीथेन गैस के साथ सीएनजी का उत्पादन करेगा। संयंत्र को पीपीपी मॉडल और निजी एजेंसी के सहयोग से स्थापित किया गया है।”








