इन्दौर (Indore) में जनजाति गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Diwas) के अवसर पर एसजीआईटीएस के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव संवाद में मुख्य उद्बोधन देते हुए लक्ष्मण सिंह मरकाम ने बताया कि हम सभी अरण्य संस्कृति की जनजाति है और स्वाधीनता में अहम योगदान हमारे बिरसा मुंडा जैसे मनीषी का रहा जिन्होंने सिर्फ पच्चीस वर्ष की उम्र में अंग्रेजों की कुत्सित विचारों से लोहा लिया और हमें जल, जंगल और जमीन से जोड़ने के लिए प्रेरित करते हुए अपने जीवन की आहुति दे दी।
जनजातीय विकास मंच द्वारा जनजाति समाज की राष्ट्रनिर्माण में अग्रणी भूमिका विषय पर मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुए आपने कहा कि देश को सावधान होने की जरुरत है क्योंकि जिस प्रकार से विदेशी फंडिंग के माध्यम से देश् को अस्थिर करने एवं विखंडन करने का जो प्रयत्न चल रहा है उससे यह साफ जाहिर है कि कौन सी ताकतें इसके पीछे कार्य कर रही है। विदेशी फंडिंग के सहारे ये लोग सुनियोजित तरीके से लोगो को बरगला रहे है।

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हमें न केवल सावधान रहना होगा बल्कि आम जनता से लेकर जनजाती बंधुओं में भी यह जानकारी पहुंचाना बहुत आवश्यक है। आपने कहा कि जनजाती बंधुओं की भूमिका देश के विकास में हरदम रही है और भविष्य में भी रहेगी। सिद्धार्थ सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। जनजाति विकास मंच के अध्यक्ष गोविंद सिंह भूरिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे. जनजातीय बंधुओं के बिना राष्ट्रनिर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती।
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एसजीआईटीएस के गोल्डन जुबली हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव संवाद में कहते हुए श्री लक्ष्मण सिंह मरकाम ने बताया कि हम सभी अरण्य संस्कृति की जनजाति है और स्वाधीनता में अहम योगदान हमारे बिरसा मुंडा जैसे मनीषी का रहा जिन्होंने सिर्फ पच्चीस वर्ष की उम्र में अंग्रेजों की कुत्सित विचारो से लोहा लिया और हमें जल, जंगल और जमीन से जोड़ने के लिए प्रेरित करते हुए अपने जीवन की आहुति दे दी।
जनजातीय विकास मंच द्वारा जनजाति समाज की राष्ट्रनिर्माण में अग्रणी भूमिका विषय पर मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुए आपने कहा कि देश को सावधान होने की जरुरत है क्योंकि जिस प्रकार से विदेशी फंडिंग के माध्यम से देश को अस्थिर करने एवं विखंडन करने का जो प्रयत्न चल रहा है उससे यह साफ जाहिर है कि कौन सी ताकतें इसके पीछे कार्य कर रही है।
विदेशी फंडिंग के सहारे ये लोग सुनियोजित तरीके से लोगो को बरगला रहे है। हमें न केवल सावधान रहना होगा बल्कि आम जनता से लेकर जनजाती बंधुओं में भी यह जानकारी पहुंचाना बहुत आवश्यक है। आपने कहा कि जनजाती बंधुओं की भूमिका देश के विकास में हरदम रही है और भविष्य में भी रहेगी। सिद्धार्थ सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। जनजाति विकास मंच के अध्यक्ष गोविंद सिंह भूरिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।