कैंसर के पेशेंट में भूख नहीं लगना, सांस लेने में समस्या और असहनीय दर्द की तकलीफ देखी जाती है, जिसका सही समय पर ट्रीटमेंट कर इसे ठीक किया जा सकता है – Dr. Shrenik Ostwal Vishesh Jupiter Hospital

इंदौर। हमारी बदलती लाइफस्टाइल के चलते कई बीमारियां हमारे शरीर में जगह बना चुकी है। हमारे बदलते खानपान, सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल, वातावरण में पोलूशन इन सबके मिले-जुले रूप की वजह से बीमारियां और भी ज्यादा घातक हो गई है। वही इन बीमारियों में होने वाले दर्द की समस्या में भी इजाफा हुआ है। आजकल धूम्रपान के ज्यादा सेवन से मुंह और गले के कैंसर भी बहुत ज्यादा मात्रा में देखने को मिल रहे हैं। लोगों में इसको लेकर अवेयरनेस तो बड़ी है लेकिन बुरी आदतों के चलते आज भी यह समस्या देखने को मिल रही है।

कई बार जब हमारे किसी अंग में कैंसर सेल की वजह से डैमेज हो जाता है या होने वाला होता है तो हमारी नर्व और वेंस सेनसोटाइज हो जाती है और यह सेंसेशन नर्व और स्पाइनल के थ्रू हमारे ब्रेन में चला जाता है और हमें दर्द की अनुभूति होती है। इसी के साथ कैंसर में कई बार पेशेंट को भूख नहीं लगना और सांस लेने की समस्या भी देखने को सामने आती है इसका सही समय पर ट्रीटमेंट का रिसेट ठीक किया जा सकता है यह बात डॉक्टर श्रेणिक ओस्तवाल पैन एंड पॉलिएटिव केअर स्पेशालिस्ट ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही।

कैंसर के पेशेंट में भूख नहीं लगना, सांस लेने में समस्या और असहनीय दर्द की तकलीफ देखी जाती है, जिसका सही समय पर ट्रीटमेंट कर इसे ठीक किया जा सकता है - Dr. Shrenik Ostwal Vishesh Jupiter Hospital

कैंसर के पेशेंट में भूख नहीं लगना, सांस लेने में समस्या और असहनीय दर्द की तकलीफ देखी जाती है, जिसका सही समय पर ट्रीटमेंट कर इसे ठीक किया जा सकता है - Dr. Shrenik Ostwal Vishesh Jupiter Hospital

सवाल. कैंसर के पेशेंट को अक्सर दर्द की समस्या देखने को सामने आती है यह किस वजह से होता है

जवाब. कैंसर के पेशेंट की अगर बात की जाए तो कीमोथेरेपी और ट्रीटमेंट के बाद इन पेशेंट में दर्द धीरे धीरे बढ़ता जाता है। इस दर्द की अनुभूति पेशेंट को शरीर के अन्य भागों में होने लगती है जो कि असहनीय होता है यह दर्द तीन से चार प्रकार का होता है। इसे दूर करने के लिए पेशेंट को तीन से चार प्रकार की दवाई दी जाती है। इस दर्द में पेशेंट को नींद नहीं आना, खाना खाने में समस्या, सांस लेने में समस्या, एंजायटी और अन्य प्रकार की समस्याएं देखने को सामने आती है। कई बार असहनीय दर्द होने पर पेशेंट में चिड़चिड़ापन की समस्या भी देखने को मिलती है। अगर इसे मेडिकल टर्म में समझे तो कई बार कैंसर की गठान नीचे वाले हिस्से को दबा देती है जिस वजह से निचले हिस्से पर दबाव पड़ने से पेशेंट को दर्द की अनुभूति होती है।

सवाल. कैंसर के पेशेंट में सांस से संबंधित समस्या भी देखने को सामने आती है या क्या है और किस कारण से होती है

जवाब. कैंसर और नॉन कैंसर डिसिस में कई बार सांस लेने की समस्या भी सामने आती है जिसमें मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और लंग के कैंसर की वजह से इस तरह की समस्या देखने को सामने आती है जिसमें पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत होती है। कई बार लंग्स में कैंसर होने पर छोटी-छोटी गठाने, सांस नली पर घटाने, छाती में पानी भरना, इन्फेक्शन होना भी इस समस्या को बढ़ावा देते हैं। ऐसे में हम कुछ दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं जो कि ब्रेन को जाने वाले सिग्नल को ब्रेक कर देता है इस वजह से सांस की समस्या में काफी राहत मिलती है। एक स्वस्थ व्यक्ति 1 मिनट में 10 से 15 बार सांस लेकर छोड़ता है। वही बीमारी से पीड़ित व्यक्ति 1 मिनट में 20 से 25 बार सांस लेता है क्योंकि उसे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है वहीं कई बार मरीज़ को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने से ब्रेन डैमेज की समस्या भी देखने को सामने जाती है।

सवाल. कैंसर के पेशेंट में भूख नहीं लगने की समस्या किस वजह से होती है

जवाब. कैंसर के पेशेंट में जब कैंसर सेल्स बढ़ती है तो कीमोथेरेपी के दौरान न्यूरोहॉरमोनल चेंजेस आते है वही ट्रीटमेंट के दौरान कई चीजें ईमबैलेंस हो जाती है जिस वजह से पेशेंट को कई बार भूख नहीं लगने और वजन कम होने की समस्या भी सामने आती है। इस वजह से कई बार पेशेंट में कमजोरी भी देखने को मिलती। ऐसी परिस्थिति में हम पेशेंट को हर 2 से 3 घंटे के अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाने की सलाह देते हैं इस वजह से उनकी बॉडी को प्रॉपर न्यूट्रिशन मिल जाता है वही कैंसर के पेशेंट को भूख नहीं लगने के साथ-साथ उल्टी की समस्या भी सामने आती है। हम एग्जामिन कर कर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि इसका मुख्य कारण क्या है इसके बाद मेडिकल की मदद से इस समस्या को खत्म किया जाता

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज नागपुर से पुरी की इसके बाद एमडी की पढ़ाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल नागपुर से की है। पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने गुजरात के कैंसर रिसर्च एंड इंस्टीट्यूट अहमदाबाद में असिस्टेंट प्रोफेसर, कोलकाता के नारायण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, इंदौर के एसआरजे सीबीसीसी हॉस्पिटल, कैंसर केयर हॉस्पिटल, क्योरवेल हॉस्पिटल और शहर के प्रतिष्ठित ज्यूपिटर हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है। मैं ऐसे पेशेंट ज्यादा डील करता हूं जिन्हें कैंसर और अन्य कारणों से सांस लेने में तकलीफ, दर्द और भूख ना लगने जैसी समस्या देखने को सामने आती हैं।