MP के इस शहर को मिलेगा एक और कन्वेंशन सेंटर, 300 करोड़ के प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

इंदौर में स्कीम नंबर 172 में 300 करोड़ की लागत से प्रदेश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनने जा रहा है, जिसे उच्चस्तरीय कमेटी से मंजूरी मिल गई है। यह प्रोजेक्ट इंदौर को अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए प्रमुख मंच बनाएगा और स्थानीय व्यापार, पर्यटन व रोजगार को बढ़ावा देगा।

Srashti Bisen
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इंदौर में एक और कन्वेंशन सेंटर के निर्माण का मार्ग अब पूरी तरह से खुल चुका है,  उच्चस्तरीय कमेटी ने इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यह कन्वेंशन सेंटर स्कीम नंबर 172 में स्थित होगा, और इसके निर्माण पर करीब 300 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस कन्वेंशन सेंटर को प्रदेश का सबसे बड़ा केंद्र माना जा रहा है, और इसे इंदौर की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने इस प्रोजेक्ट के लिए मुख्यमंत्री से विशेष रूप से मांग की थी। हालांकि, इस परियोजना को मंजूरी मिलने में कुछ समय लगा, क्योंकि जमीन पर वन विभाग ने अपना दावा जताया था। इससे पहले, लगभग डेढ़ साल पहले, जनप्रतिनिधियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए देपालपुर जंक्शन को स्थान के रूप में चुना था, लेकिन उस जमीन का लैंडयूज विवाद में आ गया था। हालांकि, अब इस विवाद को सुलझा लिया गया है, और भूमि के उपयोग को कन्वेंशन सेंटर और होटल के लिए बदलने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है।

इससे इंदौर की प्रतिष्ठा में होगा इजाफा

इस कन्वेंशन सेंटर के निर्माण से इंदौर को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े कॉन्फ्रेंस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और व्यावसायिक आयोजनों का आयोजन करने के लिए एक प्रमुख मंच मिलेगा। इससे शहर की प्रतिष्ठा में वृद्धि तो होगी ही, साथ ही होटल, ट्रैवल और लोकल व्यापारिक क्षेत्रों को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है। यह प्रोजेक्ट शहर की आर्थिक गतिविधियों को भी तेज करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

वन विभाग से भूमि विवाद का समाधान, प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

इस कन्वेंशन सेंटर का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा किया जाएगा। यह सेंटर सुपर कॉरिडोर स्थित स्कीम नंबर 172 में 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बनेगा, जबकि भविष्य के विकास के लिए 7 हेक्टेयर और भूमि को रिजर्व रखा जाएगा। कुल मिलाकर 17 हेक्टेयर जमीन को कन्वेंशन सेंटर और अन्य उपयोग के लिए निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, स्कीम 155 के तहत, कुछ वर्षों से खाली पड़े फ्लैटों को अब फ्री होल्ड नीति पर बेचा जाएगा, जिससे खरीदारों को मालिकाना हक मिल सकेगा।

3000 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता और भविष्य में होने वाले टेंडर

इस प्रोजेक्ट में 3000 गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे किसी भी बड़े आयोजन के दौरान पार्किंग की समस्या का समाधान होगा। आईडीए ने पहले ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) के फाइनल होने के बाद टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत होगी।

टीसीएस-इन्फोसिस और कन्वेंशन सेंटर की जमीन का संबंध

सुपर कॉरिडोर पर आईडीए ने टीसीएस और इन्फोसिस जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों को 230 एकड़ जमीन आवंटित की थी, लेकिन इन कंपनियों द्वारा अपेक्षित रोजगार सृजन नहीं होने के कारण कुछ भूमि वापस ली गई। इस जमीन का उपयोग अब कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए किया जा रहा है।

Scheme 172 का चयन क्यों किया गया?

Scheme नंबर 172 में इस कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए चयन किए गए स्थान के पीछे तीन मुख्य कारण हैं:

  • निकटता: यह जगह इंदौर एयरपोर्ट से महज आधा किलोमीटर दूर है, जिससे आयोजनों में आने-जाने की सुविधा बढ़ेगी।
  • भविष्य का मेट्रो कनेक्शन: यहां मेट्रो ट्रेन की सुविधा भी आने वाले समय में जुड़ने वाली है, जो यातायात को और सरल बनाएगी।
  • कम ट्रैफिक लोड: यह स्थान ट्रैफिक के दृष्टिकोण से भी आदर्श है, जिससे आयोजन के दौरान यातायात की समस्या नहीं होगी।