Indore: एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है, क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां में रहना है

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By Deepak MeenaPublished On: June 17, 2023

Indore: होटल अपना एवेन्यू जंजीर वाला चौराहा,पर आज 17 जून 2023 को सांय चार बजे वामा सद्स्यों ने पुत्रियों के लिए लिखी पुस्तकों पर चर्चा कर पितृ दिवस मनाया।
जो जीवन का मार्ग प्रशस्त करें,राष्ट्र की रचना करें…उसे हम आदर से बापू (राष्ट्र पिता) की उपमा देते है। इस उपमा से ही पिता के अस्तित्व की महत्ता का अनुमान लगाया जा सकता है।पिता ईश समान हमेशा अपनी संतानों की उंगली थाम जीवन के हर पथ, हर परिस्थिति, हर परेशानी में मार्ग प्रशस्त करता है।
जो जनक है, पालक है,पोषक है..

Indore: एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है, क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां में रहना है

वो पिता है,जो संस्कारों के साथ सामर्थ्य भी दे,वो पिता है।
कुछ इन्ही भावनाओं के साथ आज वामा समूह उपस्थित था,पितृ दिवस पर अपनी भावनाएं प्रकट करने के लिए ।
पुस्तकों पर चर्चा के बहाने वामा ने बच्चों के जीवन में पिता की भूमिका,सार्थकता, संदेश पर चर्चा की।मुख्य अतिथि के रूप में इन्ही किताबों के लेखक श्री विकास दवे एवम पंकज सुबीर मौजूद रहे।

Indore: एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है, क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां में रहना है

विकास दवे की पुस्तक पिता के पत्र बिटिया के नाम पर वंदना शर्मा(संदेश),भावना वर्बे ( विषय वस्तु),अमर चढ्ढा (भाषाशैली),निरूपमा त्रिवेदी (भाव पक्ष), डाॅ आरती दुबे(उद्देश्य परकता)सरला मेहता (सटीकता)
चेतना भाटी(भाषा की सहजता) उषा गुप्ता ने बिंदुओं पर एवम पंकज सुबीर की पुस्तक “रुदादे सफर” पर गरिमा दुबे ,किसलय पंचोली (कथानक),वाणी अमित जोशी(रिश्तों की परिपक्वता) , नुपूर प्रणय वागले (मनिवैज्ञानिक प्रभाव)आदि ने
इन बिंदुओं पर चर्चा की।

Indore: एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है, क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां में रहना है

सरस्वती वंदना गीता नामदेव ने प्रस्तुत की।
अतिथियों का स्वागत शांता पारेख,अनुपमा गुप्तानिरुपमा नागर ,मंजू मिश्रा…ने किया।
अध्यक्ष इंदु पाराशर ने अपने स्वागत उद्बोधन में पिता के लिए कहा..
गलत को हम गलत माने,
सही का साथ डट कर दें।
दिया तुमने वो साहस था,
बुराई से भी टक्कर लें।

Indore: एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है, क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां में रहना है

इस कार्यक्रम की संयोजक और वामा साहित्य मंच की संस्थापिका अध्यक्ष पद्मा राजेंद्र जैन ने कार्यक्रम की जानकारी दी।
पंकज सुबीर जी ने अपने उपन्यास रूदादे सफर पर चर्चा करते हुए कहा
“एक पिता के उपर बच्चो को ईश्वर से भी अधिक विश्वास होता है।
एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है,क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां
में रहना है।

संतान के लिए खासकर बेटियों के लिए पिता बहुत महत्वपूर्ण होता है।
कोई पति कभी किसी पिता का रिप्लेसमेंट नही होता।
विकास दवे जी ने अपने अतिथि उद्दबोधन में सुबीर जी की तारीफ करते हुए कहा कि देह की बात सभी ने की ,देहदान की बात कोई विरला ही करता है।
पितृ दिवस की बात करते हुए कहा कि माता और पिता का कोई दिन नही होता है।
चाहे जैसी परिस्थिति हो,पिता पुत्री का हाथ नही छोड़ता।

Indore: एक बेटी का पिता हमेशा दुनियां को बेहतर करना चाहता है, क्युकी उसकी बेटी को भी इसी दुनियां में रहना है

इस अवसर पर उन दो पुत्रियों हर्षिता दवे और नंदिनी जिनके लिए ये किताबें लिखी गई,उनका भी सम्मान किया गया।
अतिथियों को स्मृति चिन्ह क्रमशः नीलम तोलानी,भावना दामले, पुष्पा दसोंधी,हंसा मेहता द्वारा प्रदान किए गए।
आभार संगीता परमार ने माना।
कार्यक्रम का सुरुचिपूर्ण संचालन प्रीती दुबे ने किया।
श्रीमती दवे जी का स्वागत ज्योति जैन ने किया।
अगले कार्यक्रम संबंधित सूचनाएं सचिव डॉ शोभा प्रजापति ने दी।