आधी रात को सजता हैं एमपी का ये बाजार, हर रोज उमड़ती है जायके के दीवानों की भीड़

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By Srashti BisenPublished On: May 2, 2025
MP News

अमूमन देश के अधिकतर बाजार दिन में अपनी रौनक बिखेरते हैं, वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक ऐसा अनोखा बाजार है, जो दिन ढ़लने के साथ शुरू होता हैं। इंदौर का सराफा बाजार न केवल अपनी चकाचौंध रातों के लिए मशहूर है, बल्कि यहां मिलने वाले ज़ायकेदार और पारंपरिक व्यंजनों ने इसे खाने के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं बनाया है।

सराफा बाजार की खासियत यही है कि यह दिन के बजाय रात 9 बजे के बाद सजता है। जैसे ही शहर की रफ्तार धीमी पड़ती है, यह बाजार जाग उठता है और देर रात तक खाने के दीवानों की भीड़ यहां उमड़ पड़ती है। स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटक भी यहां के जायकों का आनंद लेने पहुंचते हैं।

यहां मिलने वाला हर व्यंजन पूरी तरह होता हैं शाकाहारी

इस बाजार की एक और अनोखी बात यह है कि यहां मिलने वाला हर व्यंजन पूरी तरह शाकाहारी होता है। लेकिन स्वाद ऐसा कि मांसाहारी लोग भी इन डिशेज़ के कायल हो जाएं। मालवा की रसोई की जड़ें गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के स्वाद से जुड़ी हुई हैं, जिसका असर यहां के स्ट्रीट फूड में साफ झलकता है।

सौ साल पुरानी परंपरा आज भी कायम

करीब 100 साल पहले रानी अहिल्याबाई होलकर के समय से यह बाजार अस्तित्व में आया और समय के साथ यह इंदौर की पहचान बन चुका है। पहले यह बाजार सोने-चांदी के व्यापार के लिए जाना जाता था, लेकिन रात के समय खाली जगह को देखते हुए यहां खाने-पीने की दुकानों ने धीरे-धीरे अपनी जगह बना ली।

इतिहास से भी जुड़ा है यह इलाका

सराफा बाजार के आसपास कई ऐतिहासिक स्थल भी हैं जो इंदौर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। राजवाड़ा, लालबाग पैलेस, शीश महल और छतरियां जैसे स्थान पास ही स्थित हैं, जिन्हें देखकर आप इंदौर के गौरवशाली अतीत को महसूस कर सकते हैं।

यहां मिलती हैं खास डिशेज

सराफा बाजार में हर मोड़ पर स्वाद का खजाना छिपा है। यहां की कचोरी, कटोरी चाट, पानी पूरी, साबूदाना खिचड़ी, भुट्टे का किस, जलेबी रबड़ी, गराड़ू और तरह-तरह की मिठाइयां ज़रूर चखने लायक हैं। इन व्यंजनों का ज़ायका न केवल जीभ को बल्कि दिल को भी तृप्त करता है।

इंदौर आएं तो सराफा ज़रूर जाएं

अगर आप इंदौर की असली पहचान जानना चाहते हैं, तो सराफा बाजार आपके लिए परफेक्ट जगह है। यहां रात के समय न केवल स्वादिष्ट व्यंजन मिलते हैं, बल्कि यह बाजार एक जीवंत संस्कृति और परंपरा का साक्षी भी है। यह बाजार इंदौर के दिल की धड़कन की तरह है।