मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़ा तालाब में अब कश्मीर की डल झील जैसा नजारा देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को 20 नई शिकारा नावों का शुभारंभ किया। इस पहल से शहर में पर्यटन को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
इस उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहे। यह आयोजन भोपाल में पर्यटन गतिविधियों को फिर से गति देने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है, क्योंकि पिछले लगभग 10 महीनों से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के कारण बड़ा तालाब में क्रूज और मोटरबोट का संचालन बंद है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
भोपाल नगर निगम की यह पहल पर्यटकों और शहरवासियों के लिए एक नया अनुभव लेकर आई है। जून 2024 में ट्रायल के तौर पर एक शिकारा चलाया गया था, जिसके सफल परिणामों के बाद अब 20 शिकारों को बड़े पैमाने पर उतारा गया है। ये पारंपरिक कश्मीरी नावें लकड़ी से बनी होती हैं और खूबसूरती से सजाई जाती हैं।
एक शिकारा में लगभग 6 लोग बैठ सकते हैं। यह तालाब में करीब 2.3 किलोमीटर का चक्कर लगाएगा, जिसमें पर्यटक तालाब के बीच स्थित टापू के करीब तक जा सकेंगे। इससे भोपाल के बड़ा तालाब की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का अनुभव और भी खास हो जाएगा।
किराया और समय
जानकारी के मुताबिक, शिकारा की सेवा सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध रहेगी। प्रति यात्री किराया लगभग 150 रुपये रखे जाने की संभावना है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। इस पहल से न केवल पर्यटकों को एक नया विकल्प मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
यह कार्यक्रम ऐसे समय में आयोजित किया गया है जब भोपाल का बोट क्लब पहले से ही लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। शिकारा की शुरुआत से यह आकर्षण और भी बढ़ जाएगा। कार्यक्रम में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के विधायकों को आमंत्रित किया गया था, जो शहर के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।










