BJP प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल का बड़ा आरोप, SIR को लेकर झूठी बयानबाजी से जनता को गुमराह कर रही कांग्रेस

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By Abhishek SinghPublished On: November 9, 2025

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी के नेता मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर जनता में झूठ और भ्रम फैलाने में जुटे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नागरिकता और मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और तथ्यों से परे हैं। खण्डेलवाल ने कहा कि कांग्रेस की यह बयानबाजी केवल वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा है।



उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा किसी भी नागरिक के अधिकारों को छीनने के खिलाफ है। खण्डेलवाल ने यह भी याद दिलाया कि एसआईआर की प्रक्रिया कोई नई नहीं है — कांग्रेस शासन के दौरान भी चुनाव आयोग यही प्रक्रिया अपनाता था, लेकिन तब पार्टी ने कभी आपत्ति नहीं जताई। अब वही कांग्रेस जनता को गुमराह करने और असुरक्षा का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।

डेढ़ करोड़ नाम कटने के दावे को बताया भ्रामक

खण्डेलवाल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस द्वारा मध्यप्रदेश में डेढ़ करोड़ मतदाताओं के नाम हटाए जाने का दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्येक नागरिक के मतदान अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन फर्जी मतदाताओं को बचाने की राजनीति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनके अनुसार, कांग्रेस अपने घटते जनसमर्थन से घबराई हुई है, इसलिए झूठे आरोप लगाकर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाने की कोशिश कर रही है।

खण्डेलवाल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी जैसे नेता हर चुनाव के समय विदेश जाकर नए भ्रम और फर्जी एजेंडे तैयार करते हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज विश्व की सबसे तेज़ी से प्रगति कर रही अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह झूठ और अफवाहों की राजनीति छोड़कर सच्चाई को स्वीकार करे।

भाजपा या सरकार का मतदाता सूची प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने की एक आवश्यक प्रक्रिया है। चुनाव आयोग मृत, दोहराए गए और फर्जी नामों को निष्पक्ष रूप से हटाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि हर नागरिक को अपना नाम जोड़ने या किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अधिकार प्राप्त है। खण्डेलवाल ने स्पष्ट किया कि इस पूरी प्रक्रिया में न तो भाजपा की कोई भूमिका है और न ही सरकार का हस्तक्षेप—यह चुनाव आयोग का पूर्णतः स्वतंत्र निर्णय है।

दिग्विजय सिंह के “99 प्रतिशत भारतीयों के पास नागरिकता प्रमाण-पत्र नहीं” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में मतदान के लिए नागरिकता प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं होती; आयोग जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र, राशन कार्ड या आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों को मान्य मानता है।