मध्यप्रदेश में शहरों के बीच एक घना वन क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई गई है, जिसे ‘ऑक्सीजन पार्क’ के नाम से जाना जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने व्यापक योजना तैयार की है। यह पहल नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत क्रियान्वित की जाएगी। नगरीय विकास और आवास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रत्येक पार्क में 50 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। इन हजारों पेड़ों से लोगों को भरपूर मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी, इसी कारण इसका नाम ‘ऑक्सीजन पार्क’ रखा गया है। प्रारंभिक चरण में प्रदेश के सात शहरों में ऐसे वन विकसित किए जाएंगे, साथ ही पहले से मौजूद पार्कों को भी अपग्रेड कर ऑक्सीजन पार्क में बदला जाएगा। अब तक देश में केवल तीन राज्यों—गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश—में ऐसे पार्क विकसित किए गए हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में देश का पहला ऑक्सीजन पार्क केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले वर्ष उद्घाटित किया गया था। इसके बाद राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने भी इस पहल को अपनाते हुए अपने-अपने राज्यों में ऐसे पार्क विकसित किए। अब इसी श्रृंखला में मध्यप्रदेश शामिल हो रहा है, जहां सात शहरों के बीच घना जंगल बसाने की तैयारी की जा रही है।

राज्य के सात प्रमुख शहरों में ऑक्सीजन पार्क की योजना
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप संचालक बीडी भूमरकर के अनुसार एमपी की राजधानी भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, सतना और उज्जैन में ऑक्सीजन पार्क तैयार किए जाएंगे। एनसीएपी के तहत इन 7 शहरों को चुना गया है।
60 हजार पेड़ों से सजेगें ऑक्सीजन पार्क
ऑक्सीजन पार्कों में हजारों पौधों का रोपण किया जाएगा, जिनमें औसतन 60 हजार पेड़ लगाए जाने की योजना है। बड़े पार्क क्षेत्रों में यह संख्या दोगुनी तक हो सकती है। इससे आसपास के क्षेत्रों में ऑक्सीजन स्तर में निरंतर वृद्धि होगी। वर्तमान में मौजूद पार्कों को भी ऑक्सीजन पार्क में बदलने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
प्रदूषण और गर्मी से राहत दिलाएंगे ऑक्सीजन पार्क
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शहरों में प्रदूषण के साथ-साथ तापमान में भी तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बढ़ती गर्मी लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। ऐसे में ऑक्सीजन पार्क न केवल वातावरण को ठंडा करने में मदद करेंगे, बल्कि शहरी स्वच्छता में भी सुधार लाएंगे।