अब बिना रुकावट दौड़ेंगे वाहन, एमपी में 460 करोड़ की लागत से बनेंगे 4 बायपास, ट्रैफिक जाम से मिलेगा छुटकारा

मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-752जी के सेंधवा से खेतिया तक सड़क का चौड़ीकरण और चार नए बायपास बनाएंगे, जिससे ट्रैफिक की समस्या कम होगी और सड़क सुरक्षा बढ़ेगी। इस परियोजना के तहत 617 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है और निर्माण कार्य छह महीने में शुरू होगा। सड़क का चौड़ीकरण और बायपास क्षेत्रीय व्यापार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देंगे।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से राज्य की सड़क अवसंरचना को नई दिशा मिल रही है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग-752जी के सेंधवा से खेतिया तक के हिस्से को चौड़ा करने और चार नए बायपास के निर्माण की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। सड़क की चौड़ाई बढ़ने और बायपास के निर्माण से इस क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक को राहत मिलने की उम्मीद है।

सड़क के मौजूदा हालात को देखते हुए इसे दो लेन में बदलने और पुनर्विकसित करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 617 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसके अंतर्गत 55 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के लिए 460 करोड़ की लागत से टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अब यह सड़क सात मीटर से बढ़कर 10 मीटर चौड़ी होगी, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आने की संभावना है।

भू-अर्जन और डीपीआर प्रक्रिया जारी

पीडब्ल्यूडी (एनएच डिवीजन) के अनुसार, इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पहले ही तैयार की जा चुकी है। अब टेंडर प्रक्रिया के पूरा होते ही अगले छह माह के भीतर काम शुरू कर दिया जाएगा। सड़क निर्माण की कुल समय-सीमा दो वर्ष निर्धारित की गई है।

बायपास से चार शहरों को मिलेगी राहत

इस हाईवे पर स्थित सेंधवा, निवाली, पानसेमल और खेतिया जैसे नगरों में भारी वाहनों के कारण जाम और दुर्घटनाओं की समस्या आम थी। अब इन चारों शहरों के लिए अलग-अलग बायपास बनाए जाएंगे, जिससे भारी ट्रैफिक शहर के बीच से नहीं गुजरेगा और स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी।

सेंधवा के मौसम चौराहे पर स्थित पुरानी और संकरी पुलिया अब भी ट्रैफिक जाम की मुख्य वजह बनी हुई है। आठ साल पहले हाईवे के निर्माण के दौरान इसे छोड़ दिया गया था, लेकिन अब जब हाईवे को चौड़ा किया जा रहा है, तो स्थानीय निवासी और नगर पालिका नए पुलिया के निर्माण की मांग कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बार यह मुद्दा नजरअंदाज नहीं होगा।

ट्रैफिक सर्वे से मिली योजना को मजबूती

सड़क की हालत और ट्रैफिक लोड को समझने के लिए एक साल पहले निजी कंपनी द्वारा ट्रैफिक सर्वे कराया गया था। सर्वे में मार्ग पर वाहनों की अधिकता और भारी ट्रैफिक का खुलासा हुआ, जिसके बाद चौड़ीकरण और बायपास निर्माण का निर्णय लिया गया।

आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

यह सड़क न केवल मध्य प्रदेश को महाराष्ट्र और गुजरात से जोड़ती है, बल्कि यह आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से भी जुड़ी हुई है। इससे इंदौर समेत अन्य शहरों से संपर्क बेहतर होगा और क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में सड़क विकास की यह परियोजना सामाजिक-आर्थिक प्रगति का द्वार खोलेगी।