INDIAN RAILWAY: रेलवे में सुरक्षा की नई क्रांति, अब हर कोच और इंजन में लगेंगे CCTV कैमरे

रेल मंत्रालय ने लिया ऐतिहासिक फैसला, 74,000 कोच और 15,000 इंजनों की निगरानी होगी डिजिटल

Dilip Mishra
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INDIAN RAILWAY:  भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा के दौरान उनके अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि देश के सभी यात्री डिब्बों और इंजनों में CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। यह फैसला उत्तर रेलवे में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगाए गए कैमरों की समीक्षा के बाद लिया गया है। रेल मंत्री के अनुसार, 74,000 से अधिक डिब्बों और 15,000 इंजनों में चरणबद्ध तरीके से कैमरे लगाए जाएंगे। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को और अधिक पुख्ता करने और ट्रेन संचालन में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।

कैमरे कहां-कहां और कितने लगेंगे?

रेल मंत्रालय की योजना के अनुसार, हर यात्री डिब्बे में 4 CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। दो कैमरे प्रत्येक प्रवेश द्वार पर होंगे,दो कैमरे कोच के अंदर सामान्य आवागमन क्षेत्रों में लगेंगे। वहीं, प्रत्येक रेल इंजन में 6 कैमरे लगाए जाएंगे। इंजन के आगे, पीछे, और दोनों तरफ निगरानी के लिए एक-एक कैमरा लगाया जाएगा। इंजन कंट्रोल रूम में दो कैमरे चालक की गतिविधियों और सामने के ट्रैक की रिकॉर्डिंग करेंगे। इन कैमरों की फुटेज सीधे कंट्रोल रूम से लिंक होगी, जिससे रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और अन्य अधिकारी तुरंत किसी घटना पर कार्रवाई कर सकें।

कैसे बढ़ेगी सुरक्षा और किसे मिलेगा फायदा?

भारतीय रेलवे में CCTV कैमरे लगाने का सीधा असर यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ेगा। इसके कई लाभ होंगे। चोरी और छेड़छाड़ पर रोकथाम और महिला यात्रियों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। आपराधिक घटनाओं की मॉनिटरिंग होगी। CCTV फुटेज से अपराधियों की पहचान करना आसान होगा। आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया हो पीएगी। दुर्घटना, आगजनी या चिकित्सा आपातकाल जैसी घटनाओं में तुरंत सहायता दी जा सकेगी। यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा। ट्रेन में निगरानी होने से यात्री खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि कैमरों की स्थिति ऐसी जगहों पर होगी जहां यात्री की गोपनीयता सुरक्षित रहे। शौचालय और निजी क्षेत्र में कैमरे नहीं होंगे। प्रौद्योगिकी से जुड़ी सुविधाएं भी शामिल होंगी। इन CCTV कैमरों में हाई-रेज़ोलूशन वीडियो रिकॉर्डिंग, नाइट विजन और मोशन डिटेक्शन जैसी उन्नत तकनीकें होंगी। इसके अलावा कैमरे 24×7 निगरानी में सक्षम होंगे। फुटेज 30 दिनों तक स्टोर होगी। रेलवे के सेंट्रल सर्वर से जुड़ा नेटवर्क बनाया जाएगा। RPF और रेलवे प्रशासन को रीयल टाइम अलर्ट सिस्टम मिलेगा। इन तकनीकों की मदद से अपराध घटित होने से पहले ही संदिग्ध गतिविधियों को पकड़ा जा सकता है।

रेलवे की डिजिटल दिशा में नई पहल

भारत जैसे विशाल रेल नेटवर्क में सुरक्षा एक बड़ी चुनौती रही है। रोजाना 2.4 करोड़ से अधिक यात्री भारतीय रेलवे से यात्रा करते हैं और औसतन 13,000 ट्रेनें हर दिन चलती हैं। ऐसे में रेलवे द्वारा उठाया गया यह कदम डिजिटल निगरानी और सुरक्षा का नया मानदंड तय करेगा। रेल मंत्रालय के अनुसार, यह पहल “स्मार्ट रेलवे” की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अधिकतर उपकरण देश में ही तैयार किए जाएंगे। रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा, यात्री सुविधाओं और जवाबदेही में बड़ा सुधार आएगा।

यात्रियों के लिए बढ़ेगा विश्वास, रेलवे होगी और सुरक्षित

भारतीय रेलवे का यह निर्णय न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह यात्रियों के लिए सुरक्षा और भरोसे की नई गारंटी लेकर आएगा। अब हर डिब्बे पर नजर होगी, और अपराधियों को रेलगाड़ियों में शरण नहीं मिलेगी। सरकार का यह प्रयास दर्शाता है कि वह सिर्फ बुनियादी ढांचे ही नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी लगातार प्रयासरत है। यह पहल आने वाले समय में भारत की रेलवे व्यवस्था को वैश्विक मानकों पर लाने में अहम भूमिका निभाएगी।