मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश के साथ आंधी-तूफान की संभावना है। विभाग के अनुसार प्रदेश के 15 जिलों में मूसलाधार बारिश का दौर देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। यह अलर्ट किसानों और यात्रियों के लिए भी अहम है, ताकि वे पहले से सतर्क रह सकें।
कई इलाकों में भारी बारिश का दौर
राज्य में मानसून एक बार फिर पूरी रफ्तार पकड़ चुका है। मौसम विभाग का कहना है प्रदेश के विभिन्न इलाकों में झमाझम बारिश का दौर बना रहेगा। लगातार हो रही तेज बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिल सकते हैं और नदियों का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है। इससे जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है।
इंदौर और मालवा में मची तबाही
शनिवार को निमाड़ और मालवा क्षेत्र में हुई तेज बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इंदौर शहर में कई कॉलोनियों और निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे बाढ़ की स्थिति बन गई। कई जगह कारें बहती हुई नजर आईं। इतना ही नहीं, एक स्थान पर पंडाल सहित गणेशजी की प्रतिमा भी बह गई। दिनभर में यहां 3 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इसी तरह खरगोन और गुना में भी तेज बारिश ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया।
कई जिलों के लिए अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने इंदौर समेत मालवा क्षेत्र के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विशेषकर बड़वानी और धार में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, गुना और भोपाल सहित कई जिलों में मध्यम से तेज बारिश के आसार हैं। इसके अलावा रायसेन, श्योपुर, शिवपुरी, बड़वानी, खरगोन, शाजापुर और नरसिंहपुर सहित कुछ जिलों में हल्की वर्षा दर्ज होने की संभावना जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान
मप्र मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले तीन दिनों तक प्रदेश में भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा। वर्तमान में प्रदेश के ऊपर मानसून ट्रफ सक्रिय है, इसके साथ ही एक और ट्रफ और चक्रवातीय प्रणाली भी प्रभाव डाल रही है। यही कारण है कि कई जिलों में भारी वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा।
अब तक की बारिश का आंकड़ा
इस सीजन में अब तक प्रदेश में 36.5 इंच वर्षा दर्ज हो चुकी है, जबकि सामान्य औसत 30 इंच माना जाता है। यानी अब तक लगभग 6.5 इंच अतिरिक्त बारिश हो चुकी है। केवल 0.5 इंच और वर्षा होते ही इस बार भी प्रदेश का वर्षा कोटा पूरा हो जाएगा। पिछले वर्ष 44 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। गुना इस सीजन में सबसे ज्यादा वर्षा वाला जिला रहा है, यहां अब तक 54.5 इंच पानी गिर चुका है। मंडला (53.8 इंच), अशोकनगर (50.9 इंच), शिवपुरी (50.7 इंच) और श्योपुर (50.3 इंच) बारिश के मामले में शीर्ष जिलों में शामिल हैं। वहीं इंदौर संभाग के जिले सबसे कम वर्षा वाले रहे हैं। इंदौर में मात्र 18.7 इंच, बुरहानपुर में 22.7 इंच, खरगोन में 19.8 इंच, खंडवा में 21.5 इंच और बड़वानी में 21.4 इंच बारिश दर्ज हुई है।
मौसम प्रणाली और असर
मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ राजस्थान के बीकानेर और कोटा से होकर मध्यप्रदेश के सिवनी और दुर्ग होते हुए ओडिशा के भुवनेश्वर से बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिमी मध्यप्रदेश में करीब 3 किमी ऊँचाई तक चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है, जिसकी वजह से यहां लगातार बारिश की संभावना बनी हुई है।
प्रदेश के सबसे ठंडे शहर
बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट आई है। शनिवार को नरसिंहपुर 21.0 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके बाद छिंदवाड़ा 22.8 डिग्री, मलांजखंड 23.1 डिग्री, सिवनी 23.6 डिग्री और सागर 23.7 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ ठंडे शहरों की सूची में शामिल रहे।