इटावा में सैकड़ो साल पुरानी परंपरा के अनुसार आज भी मनाते है बिच्छूओं संग होली

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By Rishabh JogiPublished On: March 29, 2021

लखनऊ: पुरे देश में रंगो का त्यौहार होली बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, साल भर में एक बार आने वाला यह त्यौहार काफी ख़ास होता है और इस त्यौहार को कई जगह पर अलग अलग अंदाज और आज भी पुराने रीती रिवाजो के अनुरूप ही मनाया जाता है, इस तरह देश के कई कोनों में अलग ढंग से मनाई जाती है, ऐसे में उत्तरप्रदेश के इटावा जिले की ऊसराहार इलाके में सालो पुरानी परंपरा के अनुसार बिछुओ के साथ होली मनाई जाती है।

इटावा जिले की ऊसराहार इलाके सालो से चली आ रही इस अजीबों-गरीब पंरपरा सौंधना गांव में आज भी जिंदा है, इस गांव में आज भी जब पूर्णिमा के अगले दिन जब ढोलक की थाप के साथ गायन होता है तो प्राचीन मंदिर के अवशेषों से सैंकड़ों की संख्या में बिच्छू निकलते हैं, और इस ख़ास दिन ये बिच्छू अपना जहरीलामिजाज त्याग कर बच्चो के साथ उनके हाथो में आकर अबीर गुलाल से होली खेलते है।

उत्तरप्रदेश के इस सेकड़ो साल पुराने गांव में प्राचीन भैंसान देवी का टीला है और आज भी यहां मंदिर का कुछ अंश देखने को मिलता है, और होली के इस ख़ास दिन जब गांव के लोग इस टीले पर आकर फाग गायन के समय में जब ढोलक की थाप लगाते है तो इन्ही पत्थरों के निचे से सेकड़ो की तादाद में बिच्छू निकलकर लोगो संग अबीर गुलाल खेलते हैं।