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Honorarium Hike : कर्मचारियों-शिक्षामित्रों के लिए हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, बढ़ेगा मानदेय, राज्य सरकार को मिले निर्देश, गठित होगी कमिटी

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By Kalash TiwaryPublished On: January 13, 2024
Honorarium Hike

Honorarium Hike, Employees Honorarium Hike, Shiksha Mitra Honorarium Hike : कर्मचारियों के लिए हाई कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण फैसला दिया गया है। दरअसल उनके मानदेय में वृद्धि का लाभ मिलेगा। हाई कोर्ट द्वारा इसके निर्देश दिए गए हैं।

कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को कर्मचारियों को सम्मानजनक और आजीविका के लिए आवश्यक मानदेय का भुगतान जल्द से जल्द करना चाहिए। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि शिक्षामित्र को सम्मानजनक मानदेय का भुगतान किया जाए। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा समय में शिक्षामित्र का मानदेय बहुत कम है।

Honorarium Hike : कर्मचारियों-शिक्षामित्रों के लिए हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, बढ़ेगा मानदेय, राज्य सरकार को मिले निर्देश, गठित होगी कमिटी

इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करना चाहिए और मानदेय में वृद्धि पर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए। हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्र द्वारा समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत पर सहायक अध्यापकों के बराबर वेतन देने की मांग को अस्वीकार कर दिया है। इससे राज्य सरकार को थोड़ी राहत मिली है।

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Honorarium Hike : शिक्षामित्र का मानदेय 10000 रुपए मासिक 

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि मानदेय में वृद्धि के मुद्दे पर निर्णय किसी विशेषज्ञ समिति द्वारा लिया जाना चाहिए यानी राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी इस संबंध में फैसला ले सकते हैं। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार कर शिक्षामित्र के मानदेय में वृद्धि पर निर्णय लिया जाना चाहिए। बता दे वर्तमान में उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र का मानदेय 10000 रुपए मासिक है जो की बेहद कम है।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि शिक्षामित्र द्वारा मांगी जा रही है। समान कार्य के लिए समान वेतन हित में नहीं है। शिक्षामित्र समान कार्य के लिए समान वेतन पाने के हकदार नहीं है क्योंकि वह संविदा पर काम कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में निर्विवाद रूप से शिक्षामित्र और सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का तरीका भिन्न है। ऐसे में संविदा पर नियुक्त हुए शिक्षामित्र को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता।

हालांकि हाई कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्र का मानदेय काफी कम है और मौजूदा वित्तीय ढांचे के लिए इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र के मानदेय में वृद्धि का फैसला लिया जा सकता है।