झाबुआ जिले के पेटलावद, थांदला और मेघनगर क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए त्योहार से पहले खुशखबरी आई है। लंबे समय से जिस जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक लगी थी, अब उस पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है। दरअसल, बदनावर-पेटलावद-थांदला-टिमरवानी फोरलेन नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही थी। इस वजह से प्रशासन ने प्रभावित गांवों में जमीन की प्रकृति और श्रेणी में बदलाव के साथ बिक्री पर रोक लगा दी थी। अब कलेक्टर नेहा मीना द्वारा जारी आदेश के बाद ग्रामीण अपने खेत-खलिहान और भूखंड की खरीदी-बिक्री कर सकेंगे।
1900 करोड़ की लागत से बनेगा 80 किमी फोरलेन
यह फोरलेन हाईवे परियोजना झाबुआ और आसपास के इलाकों के लिए विकास का बड़ा रास्ता खोलेगी। करीब 1900 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह 80 किलोमीटर लंबा मार्ग न सिर्फ पेटलावद, थांदला और बदनावर को जोड़ेगा बल्कि सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा। लक्ष्य है कि उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले इस सड़क को पूरा कर लिया जाए। इस मार्ग के तैयार होने से मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान – तीनों राज्यों के बीच आवागमन आसान होगा और औद्योगिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
गांवों में फिर से शुरू होगी जमीन की खरीद-फरोख्त
फोरलेन निर्माण को लेकर जिन गांवों से होकर यह सड़क गुजरनी है, वहां जमीन के खसरा नंबर पहले ही चिन्हित किए जा चुके हैं और उनका प्रकाशन भी हो चुका है। अब जब रोक हट गई है तो इन गांवों के ग्रामीण फिर से अपनी जमीन का सौदा कर पाएंगे। पेटलावद क्षेत्र के नाहरपुरा, उन्नई, करड़ावद, सारंगी, टेमरिया समेत 18 गांव इसमें शामिल हैं। इसी तरह थांदला क्षेत्र के टिमरवानी, मियाटी, बोरवा, खजूरी समेत 13 गांव और मेघनगर के बावड़ी फारेस्ट, महुड़ा, कुंडला व कोटनाई जैसे चार गांव लाभान्वित होंगे।
जमीन की कीमतों में आएगा उछाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईवे निर्माण का सीधा असर जमीन की कीमतों पर पड़ेगा। पहले जिस जमीन की कीमत सीमित थी, अब वहां निवेश बढ़ने की संभावना है। खेती की जमीन रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्र में तब्दील होगी। आने वाले समय में इन इलाकों में नए मकान, दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान खुलेंगे, जिससे रोजगार और कारोबार दोनों में बढ़ोतरी होगी। जमीन मालिकों को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योंकि उनकी संपत्ति का मूल्य कई गुना बढ़ सकता है।
रजिस्ट्री से बढ़ेगा राजस्व
जिला पंजीयक जीएल मंडलोई का कहना है कि अब जमीन की खरीदी-बिक्री फिर से शुरू होने से रजिस्ट्री की संख्या में भी इजाफा होगा। फिलहाल जिले में रोजाना 25 से 30 रजिस्ट्री हो रही है, लेकिन फोरलेन परियोजना के बाद यह आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है। इससे सरकार को भी राजस्व की अच्छी खासी आमदनी होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत मिलेगी।
औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
फोरलेन सड़क बनने से न सिर्फ लोगों की यात्रा सुगम होगी, बल्कि उद्योगों को भी सीधा लाभ मिलेगा। धार जिले के भैंसोला में बन रहा पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाइल पार्क इस हाईवे से जुड़ जाएगा। इसके जरिए क्षेत्र में कपड़ा उद्योग, लघु उद्योग और परिवहन के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह पूरा इलाका रियल एस्टेट और उद्योगों का नया हब बन सकता है।