तीसरी लहर के लिए छत्तीसग्रढ़ सरकार ने कसी कमर, हर अस्पताल में देंगे ये खास सुविधा

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By Ayushi JainPublished On: June 17, 2021
corona cases in india

रायपुर: कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले छत्तीसगढ़ ने गांवों से लेकर शहरों तक सरकारी अस्पतालों को मज़बूत बनाने और उन्हें समस्त सुविधाओं से युक्त करने के लिए कमर कस ली है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वास्थ्य अधोसरंचना को सशक्त बनाने और छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाक़ों तक सर्वसुविधायुक्त उपचार व्यवस्था बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुए अनुभवों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने गांवों से लेकर जिला मुख्यालयों तक सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को मजबूत करने का काम शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं विकासखण्ड स्तरीय अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए जिला कलेक्टरों को 15 दिनों में कार्य-योजना संपन्न बनाया तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है।

बघेल ने कहा है कि स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूती देने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाना है, ताकि यदि तीसरी लहर की स्थिति बनती भी है तो उससे पूरी ताकत के साथ निपटा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले 6 माह में कोरोना के इलाज की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने की दृष्टि से इन अस्पतालों में आक्सीजन संबंधी उपकरण आई.सी.यू. बिस्तर, वेन्टिलेटर्स इत्यादि की संख्या में वृद्धि हुई है।

इन स्वास्थ्य उपकरणों का बेहतर रखरखाव और लगातार उपयोग कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के लिए भी आवश्यक है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डाक्टरों की संख्या में भी पिछले दिनों में काफी बढ़ोतरी हुई है, किन्तु स्वास्थ्य प्रबंधन और मजबूत किया जाना आवश्यक है।

बघेल ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के विकास की एक योजना शीघ्र तैयार की जाये। इस योजना में उपरोक्त सभी अस्पतालों में सर्व सुविधा संपन्न ऑपरेशन रूम, लेबर रूम, लैबोरेटरी, आई.सी.यू. और वेन्टीलेटर की सुविधा, ब्लड बैंक, निःशुल्क दवा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी अस्पतालों में 24 घंटे इलाज की सुविधा हो। साथ ही सभी में शिशु रोग, स्त्री रोग, निश्चेतना, पैथॉलाजी, मेडिसीन एवं सर्जरी के पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सक उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाये और जहां पोस्ट ग्रेजुएट उपलब्ध न हो सकें, वहां इन विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों के माध्यम से उपरोक्तानुसार प्रस्ताव, आवश्यक बजट सहित 15 दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।