Dhan Mandi Bhav: धान ने मंडियों में तूफान मचा रखा है। 23 मई 2025 को धान के दामों में कई दिनों से लगातार हलचल देखी जा रही है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कहीं ऊपर चल रहे हैं। कम उत्पादन, बारिश से फसल को नुकसान और बढ़ती मांग ने धान को बाजार का चमकता सितारा बना दिया। चलिए, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र के 30 शहरों में धान के नवीनतम मंडी मूल्यों और कीमतों में बढ़त के कारणों पर एक नजर डालते हैं।
उत्तर प्रदेश: धान का दमदार रुख
उत्तर प्रदेश में धान की औसत कीमत ₹2300/क्विंटल रही। लखनऊ में ₹2350, कानपुर में ₹2250, वाराणसी में ₹2400, आगरा में ₹2200, मेरठ में ₹2300, गोरखपुर में ₹2370, आजमगढ़ में ₹2150, अलीगढ़ में ₹2250, प्रयागराज में ₹2320, और बरेली में ₹2280 प्रति क्विंटल का रेट रहा।

मध्य प्रदेश: मंडियों में धान की रौनक
मध्य प्रदेश में धान की औसत कीमत ₹2300 प्रति क्विंटल रही। विभिन्न शहरों में दरें इस प्रकार थीं: इंदौर में ₹2350, भोपाल में ₹2270, ग्वालियर में ₹2320, जबलपुर में ₹2300, रीवा में ₹2250, सागर में ₹2360, रतलाम में ₹2280, नीमच में ₹2400, मंदसौर में ₹2260, और देवास में ₹2300 प्रति क्विंटल का भाव रहा।
राजस्थान: धान का जोरदार प्रदर्शन
राजस्थान में धान की औसत कीमत ₹2300 प्रति क्विंटल दर्ज की गई। विभिन्न शहरों में मूल्य इस प्रकार रहे: जयपुर में ₹2350, जोधपुर में ₹2250, उदयपुर में ₹2300, बीकानेर में ₹2270, कोटा में ₹2320, और अलवर में ₹2360 प्रति क्विंटल का रेट रहा।
बिहार: लगातार बढ़ रहे धान के दाम
बिहार में औसत कीमत ₹2300/क्विंटल रही। पटना में ₹2350, गया में ₹2200, भागलपुर में ₹2280, मुजफ्फरपुर में ₹2300, दरभंगा में ₹2250, और पूर्णिया में ₹2270 प्रति क्विंटल का भाव रहा।
महाराष्ट्र: धान की शानदार चमक
महाराष्ट्र में औसत कीमत ₹2300/क्विंटल रही। मुंबई में ₹2400, पुणे में ₹2350, नासिक में ₹2300, नागपुर में ₹2450, औरंगाबाद में ₹2320, और सोलापुर में ₹2280 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ।
तेजी की वजह
धान की कीमतों में वृद्धि का कारण सीमित उत्पादन, बारिश से फसल को हुआ नुकसान और घरेलू व निर्यात मांग में तेजी है। मंडियों में कम आपूर्ति के चलते कीमतें ₹2150-₹2450 प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं, जो किसानों के लिए लाभकारी है, लेकिन उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डाल सकता है।
बाजार की दिशा
विशेषज्ञों का कहना है कि धान की मांग अगले कुछ हफ्तों तक मजबूत रहेगी। नई फसल आने तक कीमतें ऊंची रह सकती हैं। क्या दाम जल्द स्थिर होंगे? सबकी नजरें मंडियों पर टिकी हैं!