दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को SC से बड़ी राहत, चुनाव प्रचार के लिए मिली ‘कस्टडी पैरोल’

Srashti Bisen
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से कस्टडी पैरोल मिल गई है। ताहिर हुसैन, जो दिल्ली दंगों के आरोपी हैं, अब चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर रह सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश मंगलवार को जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ की सुनवाई के बाद दिया।

कस्टडी पैरोल के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी पैरोल की अनुमति दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह पैरोल केवल जेल मैनुअल के अनुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर होगी।

  • प्रचार के लिए समय: ताहिर हुसैन रोजाना सुबह 6 बजे जेल से बाहर निकलेंगे और शाम 6 बजे तक वापस लौट आएंगे।
  • शर्तें: उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान अपने केस से संबंधित कोई सार्वजनिक बयान देने की अनुमति नहीं होगी।

चुनाव के लिए महत्वपूर्ण समय

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा। प्रचार 3 फरवरी को समाप्त हो जाएगा और चुनाव परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद सीट से AIMIM के उम्मीदवार हैं।

कोर्ट के आदेश का विवरण

  • ताहिर हुसैन को जेल मैनुअल के तहत निर्धारित खर्च का आधा हिस्सा जमा करना होगा।
  • इस खर्च की राशि दो दिनों के लिए 2,07,429 रुपये है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश सिर्फ इस विशेष मामले के लिए है और इसे किसी अन्य केस में नजीर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

दिल्ली पुलिस ने किया विरोध

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए एसवी राजू ने ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल देने का विरोध किया।

  • पुलिस ने कहा कि यह फैसला अन्य कैदियों के लिए एक मिसाल बन सकता है और वे भी चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल मांगने लगेंगे।
  • पुलिस ने भीड़ प्रबंधन और चुनाव प्रचार के दौरान संभावित सुरक्षा चिंताओं का भी हवाला दिया।

सुप्रीम कोर्ट की दलीलें और जवाब

  • जस्टिस विक्रमनाथ ने पुलिस को याद दिलाया कि ताहिर हुसैन को नामांकन दाखिल करने के लिए भी कस्टडी पैरोल दी गई थी, और वह समय पर जेल लौट आए थे।
  • एएसजी ने पैरोल के खर्चों और बड़ी भीड़ प्रबंधन को लेकर चिंता जाहिर की। इस पर जस्टिस मेहता ने कहा कि खर्चों की देखभाल करना ताहिर का दायित्व है।

ताहिर के वकील की दलील

ताहिर हुसैन के वकील ने बताया कि उनके सह-अभियुक्त को यूएपीए मामले में परीक्षा के लिए 2 हफ्ते की हिरासत पैरोल दी गई थी। इसी आधार पर उन्होंने पैरोल का समर्थन किया।

मुस्तफाबाद सीट से AIMIM उम्मीदवार

ताहिर हुसैन, जो पहले आम आदमी पार्टी के सदस्य थे और पार्षद रह चुके हैं, अब AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस पैरोल के जरिए वह अपनी सीट पर प्रचार कर सकेंगे।

दिल्ली चुनाव में यह फैसला विवादों और बहस का कारण बन सकता है। कोर्ट का आदेश भले ही विशेष परिस्थितियों में दिया गया हो, लेकिन इसके प्रभाव और संभावित चुनौतियों पर बहस जारी है।