दिल्ली समेत इन राज्यों में भी नहीं हैं कांग्रेस का एक भी विधायक, यह नाम सुनकर रह जाएंगे हैरान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस शून्य सीटों पर सिमट गई है। हालांकि, कांग्रेस के लिए यह कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस इस समय देश की 4 और विधानसभाओं में शून्य सीटों पर बैठी है। इनमें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य शामिल हैं।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सीटों में बड़ा उलटफेर किया, लेकिन लगातार तीसरी बार कांग्रेस की सीटों में कोई बदलाव नहीं हुआ और उसे दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। हालांकि, दिल्ली अकेला राज्य नहीं है जहां कांग्रेस के पास कोई विधायक नहीं है।

देश के चार और राज्यों में भी कांग्रेस के पास एक भी विधायक नहीं है। इनमें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य शामिल हैं।
  1. आंध्र प्रदेश: यहां 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि एनडीए गठबंधन के पास 164 विधायक हैं और वाईएसआर कांग्रेस के पास 11 विधायक। दिलचस्प बात यह है कि आंध्र प्रदेश में 2014 तक कांग्रेस की सरकार थी।
  2. पश्चिम बंगाल: यहां 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है, जिसके पास 224 सीटें हैं, जबकि बीजेपी के पास 66 विधायक हैं।
  3. सिक्किम: सिक्किम की 32 सीटों में से कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है। यहां की सभी सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) का कब्जा है, जो बीजेपी के साथ गठबंधन में है।
  4. नगालैंड: नगालैंड में फरवरी 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। यहां एनडीपीपी, बीजेपी और अन्य दलों का गठबंधन सरकार में है, और राज्य में कोई विपक्ष नहीं है।

इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और मेघालय में कांग्रेस के पास एक-एक विधायक है, जबकि मणिपुर और पुडुचेरी में कांग्रेस के पास दो-दो विधायक हैं। पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार रही थी, और मणिपुर में भी कांग्रेस का प्रभाव रहा है।