आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर के चिड़ियाघर पहुंचे। यहां पर उन्होंने पक्षियों को अपने हाथों से दाना खिलाकर सुबह का आगाज़ किया। इस दौरान उन्होंने हाल ही में कर्नाटक के शिमोगा जू से लाए गए जंगली भैंसों (बायसन) के दो जोड़ों का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने चिड़ियाघर प्रबंधन की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयासों से इंदौर का चिड़ियाघर राष्ट्रीय स्तर पर और भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
रात को गरबा में शामिल होकर दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार की रात इंदौर पहुंचे थे। रेसिडेंसी कोठी में विश्राम करने से पहले उन्होंने शहर के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित गरबा महोत्सवों में भाग लिया। अभिव्यक्ति गरबा समेत कई आयोजनों में पहुंचे मुख्यमंत्री ने मंच से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और आयोजनकर्ताओं की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि इंदौर का गरबा अब केवल शहर का आयोजन नहीं रह गया है, बल्कि यह एक अद्भुत सांस्कृतिक पहचान बन चुका है, जिसे देशभर में सराहा जा रहा है।
पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण को मिलेगी गति
चिड़ियाघर में पक्षियों और बायसन का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वन्य जीवों और पक्षियों के संरक्षण की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। नामीबिया से लाए गए चीते यहां की जलवायु में सहजता से प्रजनन कर रहे हैं, वहीं इंदौर जू में बायसन और शुतुरमुर्ग भी स्थानीय वातावरण में आसानी से घुल-मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सकारात्मक बदलाव प्रदेश के पर्यटन को नई दिशा देगा और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा।
स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील
मुख्यमंत्री ने इंदौर प्रवास के दौरान नागरिकों से अपील की कि आगामी त्यौहारों पर लोग स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “स्वदेशी” की भावना को मजबूत करना हम सबका कर्तव्य है। जब हम अपने आसपास के कारोबारियों और निर्माताओं से सामान खरीदते हैं, तो न सिर्फ उनकी आजीविका सुरक्षित होती है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होती है।
जल्द इंदौर में दिखेंगे जिराफ
इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जानकारी दी कि इंदौर चिड़ियाघर अब जिराफ प्राप्त करने की पात्रता हासिल कर चुका है। उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में पहले लाए गए जेब्रा की देखरेख बेहतरीन ढंग से की गई, जिससे यह भरोसा और मजबूत हुआ कि यहां दुर्लभ प्राणियों को सुरक्षित माहौल मिल सकता है। महापौर ने बताया कि अगले चार महीनों के भीतर जिराफ भी इंदौर जू का हिस्सा बन जाएगा, जिससे वन्यप्रेमियों के लिए आकर्षण और भी बढ़ जाएगा।