RO-ARO Exam Postponed: प्रयागराज में छात्रों की बड़ी जीत! , RO/ARO परीक्षा स्थगित, अब वन डे-वन शिफ्ट में होगा PCS एग्जाम

Author Picture
By Srashti BisenPublished On: November 14, 2024
RO-ARO Exam Postponed

RO-ARO Exam Postponed : प्रयागराज में छात्रों द्वारा चलाया जा रहा विरोध प्रदर्शन आखिरकार रंग लाया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों की प्रमुख मांगों को मानते हुए कई अहम फैसले किए हैं। आयोग ने आरओ-एआरओ परीक्षा को स्थगित कर दिया और यूपी पीसीएस परीक्षा को अब एक ही शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, पहले लागू की गई नार्मलाइजेशन प्रक्रिया को भी हटा दिया गया है। इस फैसले से प्रदर्शनकारी छात्रों को बड़ी राहत मिली है।

PCS परीक्षा अब एक शिफ्ट में होगी

UPPSC ने 2024 की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को अब एक ही दिन और एक शिफ्ट में आयोजित करने का फैसला लिया है, जबकि पहले यह परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो पालियों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। छात्रों की मांग के बाद, आयोग ने परीक्षा के आयोजन की प्रक्रिया में बदलाव किया है।

RO-ARO परीक्षा के लिए समिति का गठन
RO-ARO Exam Postponed: प्रयागराज में छात्रों की बड़ी जीत! , RO/ARO परीक्षा स्थगित, अब वन डे-वन शिफ्ट में होगा PCS एग्जाम

आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए भी आयोग ने एक समिति बनाने का निर्णय लिया है, जो सभी पहलुओं पर विचार करके जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। पहले आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित होने वाली थी, लेकिन अब इसके लिए समिति की रिपोर्ट के बाद नई तारीखों की घोषणा की जाएगी।

छात्रों के विरोध के कारण बदलाव

छात्रों का कहना था कि परीक्षा को दो पालियों में आयोजित करने और नार्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू करने से उनके परिणामों में असमानता हो सकती है। इसके विरोध में छात्रों ने व्यापक प्रदर्शन किया। उनकी मुख्य मांग थी कि परीक्षा एक दिन और एक शिफ्ट में होनी चाहिए।

छात्रों के विरोध को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सक्रिय रूप से इस मुद्दे को संज्ञान में लिया। मुख्यमंत्री ने UPPSC से छात्रों की चिंताओं पर चर्चा करके उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसके बाद आयोग की उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक हुई, जिसमें छात्रों के हित में फैसले किए गए।

नई तारीखों की जल्द होगी घोषणा

अब, आयोग द्वारा इन परीक्षाओं की नई तारीखों की घोषणा एक से दो दिनों के भीतर किए जाने की संभावना है। छात्रों की जीत के रूप में यह बदलाव उनके संघर्ष का परिणाम है, जो उन्हें परीक्षा की प्रक्रिया में निष्पक्षता और समानता की उम्मीद दिलाता है।