देश भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण लगातार हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कई राज्यों में तबाही मचा दी है। इन आपदाओं से निपटने और प्रभावित राज्यों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने छह बाढ़ प्रभावित राज्यों को 1,066.80 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता जारी करने की अनुमोदन दे दी है। यह राशि राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) के तहत केंद्रीय हिस्से के रूप में जारी की गई है। इस निर्णय से प्रभावित राज्यों को राहत कार्यों, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए तत्काल मदद मिलेगी।
किन राज्यों को कितना फंड मिला?
असम: ₹375.60 करोड़

उत्तराखंड: ₹455.60 करोड़
केरल: ₹153.20 करोड़
मणिपुर: ₹29.20 करोड़
मेघालय: ₹30.40 करोड़
मिजोरम: ₹22.80 करोड़
राज्यों में भारी तबाही
इन सभी राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सरकार के अनुसार, 2025 में अब तक SDRF और NDRF के माध्यम से 19 राज्यों को कुल मिलाकर ₹8,000 करोड़ से अधिक की सहायता राशि जारी की जा चुकी है। इस राशि में शामिल हैं:
14 राज्यों को SDRF से ₹6,166 करोड़
12 राज्यों को NDRF से ₹1,988.91 करोड़
5 राज्यों को SDMF से ₹726.20 करोड़
2 राज्यों को NDMF से ₹17.55 करोड़
बचाव और राहत कार्यों में NDRF की बड़ी भूमिका
बचाव कार्यों को प्रभावी रूप से अंजाम देने के लिए NDRF की 104 टीमें देश के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में तैनात की गई हैं। इसके अलावा, जरूरतमंद इलाकों में सेना और वायुसेना की टीमें भी सक्रिय रूप से राहत पहुंचा रही हैं। सरकार ने सभी राज्यों को आवश्यक लॉजिस्टिक सपोर्ट, हेलीकॉप्टर, नावें, भोजन सामग्री, दवाइयां और अस्थायी आश्रय शिविरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार का दावा -“हर परिस्थिति में साथ”
गृह मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि “मोदी सरकार हर परिस्थिति में राज्यों के साथ मजबूती से खड़ी है।” गृह मंत्री अमित शाह ने खुद राहत कार्यों की निगरानी की और संबंधित राज्य सरकारों को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता देती रहेगी। बयान में यह भी दोहराया गया कि प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता में प्राकृतिक आपदाओं के समय पीड़ितों को त्वरित राहत और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करना शामिल है।
आपदा में सरकार साथ
बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं भारत के कई हिस्सों में हर साल चुनौती बनकर सामने आती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की यह पहल प्रभावित राज्यों को राहत पहुंचाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। हालांकि दीर्घकालिक समाधान के लिए सतत जल प्रबंधन, पर्यावरणीय चेतना और पूर्व चेतावनी प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। कुल मिलाकर, केंद्र की ओर से जारी यह राहत पैकेज राज्यों के लिए एक बड़ी मदद साबित होगा और बाढ़-भूस्खलन से प्रभावित लाखों नागरिकों के लिए आशा की किरण बन सकता है।