बांग्लादेश में विरोध का दौर जारी है। इस बीच आज सैकाड़ों प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव कर दिया। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने कथित तौर पर इस्तीफा देने का फैसला किया है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने दोपहर 1 बजे (स्थानीय समय) तक पद छोड़ने का अल्टीमेटम जारी किया था।
बता दें लगभग 10 30 बजे, छात्रों और वकीलों सहित कई सौ प्रदर्शनकारी मुख्य न्यायाधीश और अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर में इकट्ठा होने लगे। इससे पहले सुबह अंतरिम सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय के सलाहकार आसिफ महमूद ने फेसबुक पर पोस्ट कर मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन के बिना शर्त इस्तीफे और पूर्ण अदालत की बैठक रोकने की मांग की थी।

बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की पूर्ण अदालत की बैठक स्थगित कर दी, जो यह तय करने के लिए बुलाई गई थी कि अदालत का कार्य वस्तुतः चलेगा या नहीं। ओबैदुल हसन को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था और उन्हें अपदस्थ प्रधान मंत्री शेख हसीना के वफादार के रूप में देखा जाता है।
द ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ओबैदुल हसन शाम को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से सलाह लेने के बाद अपना इस्तीफा देंगे। बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ने अदालत परिसर में प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने के बाद शनिवार दोपहर को फैसले का खुलासा किया। डेली स्टार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी थी कि अगर वे समय सीमा से पहले इस्तीफा देने में विफल रहे तो वे न्यायाधीशों के आवासों को घेर लेंगे।
गौरतलब है कि 76 वर्षीय शेख हसीना सोमवार को हेलीकॉप्टर से पड़ोसी देश भारत की ओर भाग गईं, क्योंकि ढाका की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिससे उनके कठोर शासन का नाटकीय अंत हो गया। शेख हसीना सरकार पर अपने हजारों राजनीतिक विरोधियों की गैर-न्यायिक हत्या सहित व्यापक मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया था।