Paresh Rawal के बाद Anu Aggarwal ने किया दावा, Urine Therapy देती है चमत्कारी फायदे

अनु अग्रवाल ने सबको चौंकाया, परेश रावल के बाद माना- मैंने भी पिया यूरिन, बताए Urine Therapy के फायदे

sanjana_ghamasan
Published:

बॉलीवुड में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब आशिकी फेम अनु अग्रवाल ने दिग्गज अभिनेता परेश रावल के Urine Therapy के दावे का समर्थन किया। परेश के घुटने की चोट ठीक करने के लिए यूरिन पीने की बात कहने के बाद, अनु ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने इस प्राचीन प्रथा को अपनाया है। उनकी इस स्वीकारोक्ति ने सोशल मीडिया से लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों तक में बहस छेड़ दी है।

अनु अग्रवाल का चौंकाने वाला बयान

हाल ही में एक इवेंट में अनु अग्रवाल ने यूरिन थेरेपी, जिसे हठ योग में अमरोली क्रिया कहा जाता है, के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि इस प्रथा में केवल मध्य धारा (मिडस्ट्रीम) यूरिन का सेवन किया जाता है, जिसे योग में अमृत माना जाता है। अनु के मुताबिक, यह तकनीक त्वचा को झुर्रियों से मुक्त रखने, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करती है। “मैंने इसे खुद आजमाया है और इसके परिणाम शानदार हैं,” उन्होंने कहा, योग की 10,000 साल पुरानी परंपरा को आधुनिक विज्ञान से ऊपर रखते हुए।

परेश रावल ने शुरू की चर्चा

यह सब तब शुरू हुआ जब परेश रावल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि 1996 में घटक की शूटिंग के दौरान लगी घुटने की चोट को ठीक करने के लिए उन्होंने 15 दिन तक यूरिन पिया। एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन की सलाह पर उन्होंने यह कदम उठाया, जिसके बाद उनकी रिकवरी ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया। परेश ने इसे “बीयर पीने” जैसा बताया, जिससे यह विषय और भी चर्चा में आ गया।

यूरिन थेरेपी: प्राचीन ज्ञान या जोखिम?

जहां अनु और परेश Urine Therapy के फायदे गिना रहे हैं, वहीं मेडिकल विशेषज्ञ इसे खारिज कर रहे हैं। मशहूर डॉक्टर सिरियक एबी फिलिप्स ने इसे हानिकारक बताया, क्योंकि यूरिन में टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया हो सकते हैं। फिर भी, समर्थक इसे योग की प्रमाणित प्रथा मानते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा की चमक बढ़ाती है।

सोशल मीडिया पर तहलका

अनु और परेश के बयानों ने इंटरनेट पर तूफान ला दिया है। Urine Therapy और अनुअग्रवाल जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ प्रशंसक इस प्राचीन प्रथा की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसकी वैज्ञानिकता पर सवाल उठा रहे हैं। यह विवाद यूरिन थेरेपी को सुर्खियों में ला चुका है।