अस्पताल जाने से डरता था दुनिया से चला गया

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By Mohit DevkarPublished On: April 12, 2021

राजेश राठौर


मल्हारगंज की गलियों में हर कोई जानता था कि अरुण खंडेलवाल सबकी मदद के लिए तैयार रहेगा। बस वह अस्पताल के अंदर जाने से डरता था। यदि कोई भर्ती होता भी था तो उसके लिए बाहर से सारी मदद करता था। सबसे हंस कर बात करना और मिलना उसकी आदत में शुमार था। कारोबारी होने के कारण शाम के समय फ्री होते ही पूरे इलाके में लोगों से मिलता था। सुख दुख में खड़े रहने वाले अरुण खंडेलवाल कांग्रेस नेता प्रेमस्वरूप खंडेलवाल के बेटे और कमलेश खंडेलवाल के बड़े भाई थे।

राजनीति में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन किसी नेता से कम काम लोगों के वह नहीं करते थे। कुछ साल पहले की बात है धार रोड पर चंदन नगर थाने के पहले एक कार का एक्सीडेंट हुआ। अरुण वहां से गुजर रहे थे। रुके और कार में सवार व्यक्ति को बाहर निकाला। कार का दरवाजा अरुण ने जोर से खींचकर तोड़ दिया था। ऐसे कई काम अरुण ने अनजान लोगों के लिए भी किए हैं। 3 दिन पहले अरुण की Corona जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तत्काल सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां पर कुछ दिक्कतें थी, तो महू के मेवाड़ अस्पताल में भर्ती कराया। इंदौर के किसी अस्पताल में जगह नहीं थी। परसों रात को तबीयत बिगड़ने लगी तो ताबड़तोड़ परिजनों ने सुपर स्पेशलिटी सेंटर में भर्ती कराया। कल दोपहर में तबीयत बिगड़ने लगी अरुण घबरा गए थे। अचानक उन्हें छाती में दर्द हुआ और वह दुनिया छोड़कर चल बसे। 53 साल के अरुण को तो न तो नाम का शौक था ना हीं किसी को कुछ दिखाने का। किसी की मदद भी करता था तो उसका जिक्र नहीं करता था।