ऐतिहासिक निर्णय को स्वीकारते हुए “शिव” सरकार ने सुधारी अपनी गलती- कमलनाथ

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By Shivani RathorePublished On: September 2, 2021
MP News

भोपाल :  प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक बयान में बताया कि मेरी सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिये दिनांक 8 मार्च 2019 को ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। इसको चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में कुछ याचिकाएं लगी। इस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 13 जुलाई 2021 को उक्त याचिकाओं से संबंधित एक अंतरिम आदेश पारित किया गया।


उक्त अंतरिम आदेश पर सरकार के अतिरिक्त शासकीय महाधिवक्ता द्वारा 18 अगस्त 2020 को दिये गये एक अभिमत के आधार पर सभी शासकीय विभाग नियुक्तियों तथा प्रवेश परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग को केवल 14% आरक्षण का लाभ ही दे रहे थे ,बढ़े हुए 27% आरक्षण का लाभ ओबीसी वर्ग को नहीं मिल रहा था।

जबकि सच्चाई यह है कि सिर्फ़ उक्त याचिकाओं से संबंधित विभागों को छोड़कर बाक़ी विभागों में इस बढ़े हुए आरक्षण को लागू करने को लेकर न्यायालय से कोई रोक नही लगी थी लेकिन ग़लत अभिमत के आधार पर अन्य सारे विभागों में नियुक्तियो पर रोक लगाकर शिवराज सरकार में पिछड़े वर्ग को उनके हक़ से निरंतर वंचित किया जा रहा था , हम उसी का शुरू दिन से विरोध कर रहे थे।

हमारे विरोध के बाद सरकार के महाधिवक्ता ने अभिमत देकर स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में हमारी सरकार द्वारा 8 मार्च 2019 को आरक्षण बढ़ाने के लिये गए निर्णय पर कोई रोक नही लगी है। अंतरिम आदेश से संबंधित विभागों को छोड़कर परीक्षा और भर्तियों में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है। मैंने उसी दिन सरकार से माँग की थी कि इस अभिमत के आधार पर सरकार सच्चाई स्वीकार कर मेरी सरकार के प्रभावशील आदेश को तत्काल लागू करे और पिछड़े वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ प्रदान करे।

सरकार ने हमारे विरोध के बाद आज सच्चाई स्वीकार कर उक्त संशोधित आदेश जारी कर अपनी गलती सुधारने का काम किया है , इसको लेकर सरकार को इस वर्ग से माफ़ी भी माँगना चाहिये। अब हमारी सरकार के द्वारा बढ़ाये हुए आरक्षण का लाभ पिछड़े वर्ग को मिलने लगेगा। मै इसके लिये सतत संघर्ष करने वाले सभी सामाजिक संगठनो को बधाई देता हूँ , यह उनकी जीत है।