India and China Relations : भारत और चीन, जो दुनिया की सबसे लंबी और विवादित सीमा साझा करते हैं, के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का विवाद जारी है। यह सीमा 3488 किमी लंबी है और इसे तीन क्षेत्रों—पूर्व, मध्य और पश्चिम—में विभाजित किया गया है। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, इस सीमा के कई हिस्सों पर दोनों देशों के अलग-अलग दावे हैं, जिससे टकराव की संभावना बढ़ गई है।
नए समझौतों के तहत गश्त की पुनरारंभ
हाल के सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन कुछ क्षेत्रों पर आपसी सहमति पर पहुंच गए हैं। अब गश्त फिर से शुरू होगी, जिसमें अरुणाचल प्रदेश का यांग्त्से क्षेत्र भी शामिल है। इस नए समझौते के तहत, चीनी सैनिकों को भी इलाके में गश्त करने की अनुमति दी जाएगी, और दोनों पक्षों के बीच आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
यांग्त्से में झड़पों का इतिहास
यांग्त्से क्षेत्र, जो तवांग के निकट है, दोनों देशों के बीच चिन्हित विवादित क्षेत्रों में से एक है। यहां पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की गश्त अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक होती है। भारतीय सैनिकों ने अक्सर इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ आमने-सामने आने के मामले देखे हैं। 2011 के बाद से इस इलाके में कई छोटी-मोटी झड़पें होती रही हैं, जिनमें से कुछ गंभीर भी रही हैं।
हालिया झड़पें
गर्मी के महीनों में आमतौर पर कुछ झड़पें होती हैं। उदाहरण के लिए, 9 दिसंबर 2022 को भारतीय सैनिकों और PLA के बीच झड़प हुई थी, जिसमें चीनी सैनिकों को गंभीर चोटें आई थीं। यह घटना 15 जून 2020 के बाद की पहली बड़ी झड़प थी।
डेमचोक और दिपसांग में सैनिकों की वापसी
भारत और चीन के बीच समझौते के बाद, पूर्वी लद्दाख में LAC पर गतिरोध खत्म हो रहा है। अस्थायी संरचनाओं जैसे शेड और तंबुओं को हटाया जा रहा है। यह नया समझौता विशेष रूप से डेमचोक और दिपसांग क्षेत्रों में लागू होगा, जहां 28-29 अक्टूबर तक दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह से पीछे हट जाएंगी। इसके बाद गश्त पुनः शुरू होगी।