सन 2011 में दिल्ली (Delhi) के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में अंतिम बार वृद्धि हुई थी। 2015 में दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल ( Arvind Kejriwal) सरकार ने केंद्र को विधायकों और मंत्रियों के वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था जोकि तब से लेकर लंबित था। दिल्ली में सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के प्रारम्भ में मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और लीडर ऑफ ऑपोजिशन के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी का बिल पेश किया। ज्ञातव्य है कि वेतन वृद्धि से संबंधित कुल पांच बिल दिल्ली विधान सभा में आज प्रस्तुत किए गए हैं। गौरतलब है कि 11 वर्ष बाद दिल्ली के विधायकों के वेतन व भत्तों में बढ़ौतरी होने जा रही है।
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अब वेतन व भत्ते मिलाकर मिलेंगे 90000 रुपय, अबतक मिलते थे 54000
इस प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली के विधायकों को वेतन व अन्य सभी भत्ते मिलाकर 90000 रु. मानदेय प्राप्त होगा। अबतक दिल्ली के विधायकों को वेतन व अन्य सभी भत्ते मिलाकर 54000 रुपय प्राप्त होते थे। इस घोषित वृद्धि एक बावजूद भी दिल्ली के विधायकों का कुल मानदेय देश के अन्य सभी राज्यों के विधायकों को मिलने वाली राशि से कम ही है।
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सभी राज्यों में अलग है विधायकों के वेतन व भत्ते, तेलंगाना में है सबसे अधिक
विधायकों एवं मंत्रियों को मिलने वाले वेतन व भत्ते भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग निर्धारित हैं। सबसे कम वेतन व भत्ते मिलाकर कुल 48 हजार रुपय त्रिपुरा के विधायकों को मिलते हैं। वहीँ वेतन व भत्ते मिलाकर सबसे अधिक 2.50 लाख रुपय तेलंगाना के विधायकों को प्राप्त होते हैं।