एडुनिवर्सल 4 पाम्स ऑफ एक्सीलेंस 2023 में आईआईएम इंदौर को मिली तीसरी रैंक

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भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने एडुनिवर्सल 4 पाम्स रैंकिंग 2023 में भारत के सभी बिज़नेस स्कूलों में तीसरी रैंक हासिल की है। आईआईएम इंदौर सभी आईआईएम की सूची में दूसरे स्थान पर है।

एडुनिवर्सल रैंकिंग के अंतर्गत दुनिया भर के नौ भौगोलिक क्षेत्रों के 153 देशों के शीर्ष बिजनेस स्कूलों की रैंकिंग की जाती है। इस रैंकिंग में डींस वोट भी अत्यधिक महत्त्व रखता है, जिसमें दुनिया भर के विभिन्न अकादमिक डीन चयनित बिज़नेस स्कूलों के लिए वोट देते हैं, जिसके आधार पर पाम्स की श्रेणी तय होती है।

आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने इस अवसर पर कहा कि हम इस वर्ष भी 4 पाम्स ऑफ़ एक्सीलेंस केटेगरी में अपना स्थान बनाए रखने में प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। यह हमारे सभी विद्यार्थियों, फैकल्टी और संस्थान के सभी हितधारकों के परिश्रम का फल है।

आईआईएम इंदौर सदा से विश्व स्तर पर प्रासंगिक बिजनेस स्कूल के रूप में स्थापित होने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। आईआईएम इंदौर के 18 देशों के 45 शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी है और यह इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को भी मजबूत करता है। प्रो. राय ने राष्ट्र निर्माण और वैश्विक प्रगति में योगदान देने वाले सामाजिक रूप से जागरूक प्रबंधकों और उद्यमियों को विकसित करने के लिए विकसित किए जाने वाले पाठ्यक्रम में निरंतर सुधार की बात कही। उन्होंने कहा, “हमारा अगला लक्ष्य 5 पाम्स श्रेणी में सूचित होना है।”

पाम्स रैंकिंग एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें विश्व स्तर पर 1000 सर्वश्रेष्ठ बिजनेस स्कूलों का चयन शामिल है। इसके बाद प्रत्येक संस्थान को पाम्स ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड्स दिए जाते हैं। इसके निर्णय में डीन वोट शामिल होता है, जो दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ बिजनेस स्कूलों के अकादमिक विशेषज्ञों की सिफारिशों को सम्मिलित करता है।

एडुनिवर्सल 4 पाम्स ऑफ एक्सीलेंस रैंकिंग 2023 में आईआईएम इंदौर की उल्लेखनीय उपलब्धि संस्थान के बेहतरीन पाठ्यक्रमों और प्रबंधन शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए मानक स्थापित करने के प्रति इसके समर्पण को रेखांकित करती है।

आईआईएम इंदौर के इंटरनेशनल आउटरीच  और विविध पाठ्यक्रम हैं। ये  हमारे अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करते हैं और भारत के सभी बिज़नेस स्कूलों के बीच हमारी शीर्ष रैंक बनाए रखने में योगदान करते हैं। तस्वीर ऐसे ही एक पाठ्यक्रम की,जिसमें  विदेश के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे।