हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है। वहीं होली के ठीक एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है। इस साल होली का ये पावन पर्व 7 और 8 मार्च को मनाया जाएगा। यानी 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है।
ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन की अग्नि में आहुति देने से जीवन की नकारात्मकता समाप्त होती है। साथ ही परिवार में सुख शांति बनी रहती है। शास्त्रों में मान्यता है कि होलिका दहन के दिन होली पूजन करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ऐसे में चलिए जानते हैं होलिका दहन की पूजा विधि, मंत्र और महत्व…
होलिका दहन शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat)
होलिका दहन तिथि – 07 मार्च 2023, मंगलवार
होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 06 मार्च, 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से 07 मार्च, 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक
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होलिका दहन की पूजन सामग्री
एक कटोरी पानी, गाय के गोबर से बनी माला, रोली, अक्षत, अगरबत्ती और धूप, फूल, कच्चा सूती धागा, हल्दी का टुकड़ा, मूंग की साबुत दाल, बताशा, गुलाल पाउडर, नारियल, नया अनाज।
कैसे किया जाता है होलिका दहन (Holika Dahan Vidhi)
होलिका दहन में किसी वृक्ष की डाली को भूमि में गाड़कर उसे चारों ओर से लकड़ी, कंडे या उपले से ढक दिया जाता है। इन सारी चीजों को शुभ मुहूर्त में जलाया जाता है। इसमें छेद वाले गोबर के उपले, गेंहू की नई बालियां और उबटन डाले जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे वर्ष भर मनुष्य को आरोग्य की प्राप्ति हो और सारी बुरी बलाएं इस अग्नि में जल कर भस्म हो जाती हैं। होलिका दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है। होलिका दहन को कई जगह छोटी होली भी कहते हैं।