समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक ‘सत्संग’ कार्यक्रम में हुई भगदड़ में लोगों की जान जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लापरवाही और इंतजामों की कमी को जिम्मेदार ठहराया। जहां 121 लोगो कि मौत हो गई सैकड़ों लोग घायल है।
हाथरस के फुलराई गांव में मंगलवार को स्वयंभू संत नारायण साकर हरि, जिन्हें ‘भोले बाबा’ के नाम से जाना जाता है, द्वारा आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में मची भगदड़ में कम से कम 121 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। सिकंदरा राऊ थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, इस कार्यक्रम में करीब 2.5 लाख लोग शामिल हुए थे और भगदड़ जैसी स्थिति तब पैदा हुई जब लोग भगवान का आशीर्वाद लेने और उस स्थान पर मिट्टी लेने के लिए उनकी ओर दौड़े, जहां से उनकी कार निकली थी। FIR में ‘भोले बाबा’ का नाम नहीं है, लेकिन मुख्य सेवादार देवदास मधुकर, अन्य आयोजकों और अज्ञात व्यक्तियों का नाम है। भगदड़ जैसी स्थिति पैदा होने पर कथित तौर पर बाबा अपने साथियों के साथ तुरंत वहां से चले गए।
यादव ने पास के एक अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं की कमी को भी कमजोर बताया है। कन्नौज से सांसद ने कहा, वे समय पर वाहन और एंबुलेंस की व्यवस्था करने में असमर्थ थे। और अगर वे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे भी तो उन्हें वह पर्याप्त उपचार नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था। इस घटना कि सम्पूर्ण जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी कि है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले, राज्य सरकार ने इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा कि गई है।