जीएसटी परिषद की जून के अंत में हुई पिछली बैठक में आटा, दही, पनीर, अस्पताल के कमरे सहित कई उत्पादों और सेवाओं पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया था. अब एक बार फिर कुछ चीजों पर जीएसटी छूट को वापस लेने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इन्वर्टेड ड्यूटी में सुधार के लिए कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी बढ़ सकता है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाला मंत्रिसमूह जीएसटी रिवीजन पर काम कर रहा है. मंत्रिसमूह के एजेंडे में इन्वर्टेड ड्यूटी में सुधार करना भी शामिल है. इन्वर्टेड रेट स्ट्रक्चर उस स्थिति में लागू है, जहां कच्चे माल पर जीएसटी दरें, निर्मित माल की तुलना में ज्यादा हैं. ऑटोमोबाइल्स, कुछ इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, यूरिया और फर्टिलाइजर इनपुट सेगमेंट्स पर ड्यूटी इनवर्जन लागू है.
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इन्वर्टेड ड्यूटी में सुधार की कवायद अभी तक पूरी नहीं हुई है और इस पर अभी काफी काम होना बाकि है. पिछली दो-तीन बैठकों में कई अहम फैसले लिए गए हैं और जीओएम की बैठकें काफी सकारात्मक रही हैं. हालांकि, टेक्सटाइल्स क्षेत्र पर टैक्स सहित कुछ मुद्दे अभी लंबित है.” मंत्रिसमूह अब सुधारों की अगली सूची पर काम कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में वह एक प्रस्ताव पेश कर सकता है.
जून के अंत में चंडीगढ़ में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में में ड्यूटी इनवर्जन और छूट में सुधार पर मंत्रिसमूह की अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार करने का फैसला हुआ था. इसके बाद पैकेज्ड दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित कई वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आ गई थीं. इन पर जीएसटी 18 जुलाई से प्रभावी हो गई है. हालांकि, कैसिनो, ऑनलाइन गेमिंग और हॉर्स रेसिंग पर जीएसटी बढ़ाने और इसे इन पर लागू करने के तरीकों पर सहमति न बनने के कारण इन पर जीएसटी को 28 फीसदी करने का फैसला टल गया.