Classical Languages: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मराठी, बंगाली, पाली, प्राकृत और असमिया भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
संस्कृति और विरासत का सम्मान
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए है। इन भाषाओं के माध्यम से प्रत्येक समुदाय की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को संरक्षित किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
Marathi is India’s pride.
Congratulations on this phenomenal language being accorded the status of a Classical Language. This honour acknowledges the rich cultural contribution of Marathi in our nation’s history. Marathi has always been a cornerstone of Indian heritage.
I am…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 3, 2024
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि यह कदम भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का सम्मान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि ये भाषाएँ भारत की विविधता को प्रदर्शित करती हैं और सभी भाषाओं को मान्यता मिलने पर खुशी व्यक्त की।
शास्त्रीय भाषाओं की परंपरा
भारत सरकार ने पहली बार 12 अक्टूबर 2004 को इस संबंध में निर्णय लिया था, जब तमिल को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। इसके बाद संस्कृत, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु और उड़िया जैसी भाषाएँ भी इसी श्रेणी में शामिल हुईं।
राज्य सरकारों की पहल
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 2013 में प्रस्ताव भेजा था। यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा भी बना था। इसी तरह, अन्य भाषाओं के लिए भी इस तरह के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जो इस निर्णय का आधार बने।
विशेषज्ञ समिति की सिफारिश
भाषाविज्ञान विशेषज्ञ समिति ने इस साल की शुरुआत में मराठी, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में अनुशंसित किया। यह समिति साहित्य अकादमी के अंतर्गत कार्य कर रही है।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
Most happy to share that Bengali/ Bangla has been finally accorded the status of a classical language by Government of India.
We had been trying to snatch this recognition from Ministry of Culture, GOI and we had submitted three volumes of research findings in favour of our…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 3, 2024
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने पर खुशी जताई और केंद्र सरकार का धन्यवाद किया। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे मराठी भाषियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय संस्कृति मंत्री को इस मान्यता के लिए धन्यवाद दिया।
माझा मराठाचि बोलु कौतुके।
परि अमृतातें ही पैजा जिंके ॥
समस्त मराठी जनांचे हार्दिक अभिनंदन!!!अखेर माय मराठीला अभिजात भाषेचा दर्जा मिळाला! एका लढ्याला यश आले. यासाठी महाराष्ट्र सरकारने केंद्राकडे सतत पाठपुरवठा केला होता. आपल्या लाडक्या भाषेचा यथोचित सन्मान केल्याबद्दल पंतप्रधान…
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) October 3, 2024
इस प्रकार, यह निर्णय भारत की भाषाई विविधता को मान्यता देने और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।