मध्यप्रदेश के प्रोटेम स्पीकर बने गोपाल भार्गव, जानें क्या होता है प्रोटेम स्पीकर और उनके कार्य

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एक बार फिर मध्यप्रदेश में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है। मध्यप्रदेश में सीएम मोहन यादव, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश बैरवा को पद की ज़िम्मेदारी सौंपे जाने के बाद और शपथ ग्रहण के बाद। आज राजयपाल मंगुभाई पटेल ने विधायक गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। बाद में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विधायकों को शपथ प्रोटेम स्पीकर दिलाएंगे। यहां स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर भी शपथ लेंगे।

गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से लगातार 9वीं बार विधानसभा का चुनाव जीते हैं। गोपाल भार्गव 1985 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद वह कभी चुनाव नहीं हारे। प्रोटेम स्पीकर एक अस्थायी स्पीकर होता है। जिसकी नियुक्ति सिमित समय के लिए होती है। राष्ट्रपति या राज्यपाल, चुनावों के बाद नवनिर्वाचित सदन की पहली बैठक से ठीक पहले, प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करते है। आमतौर पर सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है।

प्रोटेम स्पीकर के कार्य :

~ विधानसभा के पहली बैठक की अध्यक्षता करना।

~ नवनिर्वाचित विधायकों को पद की शपथ दिलाना।

~ स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के लिए मतदान कराना।