नई दिल्ली। 1 फरवरी को केन्द्र सरकार आम बजट (Budget) पेश करेगी लेकिन बजट संबंधी दस्तावेजों की छपाई इस बार नहीं होगी। हालांकि कुछ प्रतियां रिकॉर्ड के लिए जरूर छापी जाएगी लेकिन इस बार का बजट पूरी तरह से डिजिटल ही होगा। बता दें कि केन्द्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अपना चौथा बजट पेश करने वाली है।
बजट को लेकर सभी देशवासियों की नजर है। नजर इस बात के लिए रखी जा रही है कि सरकार कौन सी जरूरी वस्तुओं को सस्ता करेगी या फिर कौन सी वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगाकर बहुत अधिक महंगा कर दिया जाएगा। गरीबों या मध्यमवर्गीय लोगों के लिए इस बजट में कोई सौगात होगी या फिर नहीं। कुल मिलाकर यह सब तो 1 फरवरी को ही पता चलेगा लेकिन बावजूद इसके बजट को लेकर लोगों द्वारा कयास लगाने की शुरूआत हो चुकी है।
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हलवा सेरेमनी को अलविदा
बता दें कि हर वर्ष बजट प्रस्तुति के साथ ही परंपरागत रूप से हलवा सेरेमनी होती है लेकिन इस बार कोरोना के कारण इस परंपरा को अलविदा कर दिया गया है। गौरतलब है कि बजट दस्तावेजों को छापने हेतु जुटे कर्मचारियों के घर-परिवार से अलग रहने और बजट दस्तावेज की छपाई का काम परंपरागत ‘हलवा सेरेमनी से शुरू होता रहा है। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।
कम होती गई प्रतियां
जब से नरेन्द्र मोदी ने सत्ता को संभाला है तभी से बजट की प्रतियों की छपाई की संख्या कम होती चली गई है। वैसे इस बार भी सीमित संख्या में दस्तावेजों की छपाई होगी परंतु बड़ी संख्या में होने वाली छपाई को नहीं करने का निर्णय लिया गया है। कुल मिलाकर सामान्य रूप से ही बजट को पेश किया जाएगा। बजट दस्तावेज ज्यादातर डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।