शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए केंद्र सरकार लगातार एक के बाद एक योजना बना रही है। अब तो इतनी ज्यादा फैसिलिटी स्कूलों में कर दी है कि बच्चों को सरकारी स्कूल में भी सारे सब्जेक्ट डिजिटल तरीके से भी समझाया जा रहे हैं। इतना ही नहीं शिक्षा का स्तर साल दर साल बढ़ता जा रहा है। पहले जहां बच्चे सरकारी स्कूल में जाने से कतराते थे।
लेकिन अब सरकारी स्कूल में एडमिशन लेने के लिए भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन आज हम एक ऐसे स्कूल के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जहां पर एक ही स्टूडेंट आता है पढ़ाने वाले टीचर भी एक ही है, और यह क्लास रोजाना लगती है और एक ही बच्चा सारे सब्जेक्ट को पड़ता है। तो चलों आपको बताते हैं कि यहां अनोखा स्कूल कहां पर मौजूद है।
दरअसल, यह स्कूल महाराष्ट्र के गनेशपुर में मौजूद है जहां पिछले 2 सालों से एक बच्चा रोजाना क्लास में पढ़ने के लिए आता है और उस को पढ़ाने के लिए टीचर भी 12 किलोमीटर दूर से आते हैं महाराज के वाशिम जिले के गणेशपुर गांव में यह अनोखा स्कूल मौजूद है। जिसमें दूसरे बच्चे ने एडमिशन भी नहीं दिया है यहां प्राथमिक मराठी शाला है।
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बताया जाता है कि कक्षा तीसरी में पढ़ने वाला छात्र कार्तिक शिगाओकर अकेला क्लास में पढ़ने के लिए आता है वह इकलौता स्कूल में छात्र है। इतना ही नहीं इस 1 बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल के टीचर किशोर मानकर 12 किलोमीटर दूर से आते हैं दोनों तो भाई स्कूल जाते हैं और क्लास भी लगाते हैं इतना ही नहीं क्लास की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ में होती है यह इकलौता बच्चा सारे सब्जेक्ट को पड़ता है।
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वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए मास्टर किशोर ने बताया कि कार्तिक अकेला ही छात्र है जो कि यहां पर पढ़ाई करने के लिए आता है और दूसरे बच्चों के यहां पर एडमिशन ही नहीं है इतना ही नहीं इस स्कूल को जारी रखना है ऐसे में वहां खुद इस बच्चे को पढ़ाने के लिए दूर से आते हैं। इतनी नहीं मीड डे मील कहां पर बनाया जाता है सारी सुविधा होने के बावजूद भी दूसरे छात्र नहीं है।
गौरतलब है कि यहां पर सारी सुविधाओं को सरकार द्वारा मुहैया करवाया जा रहा है। वही एक छात्र को लेकर मास्टर किशोर ने बताया कि गांव की आबादी 150 लोगों की है। जिसमें पहली से चौथी तक की पढ़ाई करवाई जा सकती है और इस गांव में इस क्लास में पढ़ने लायक सिर्फ एक ही बच्चा है। इस वजह से इस स्कूल में एक ही बच्चे का एडमिशन है जिसे पढ़ाने के लिए वह आते हैं।