12 जुलाई, मंगलवार को शनिदेव वक्री चाल से चलते हुए मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर राशि शनि की स्वराशि है। शनिदेव मकर राशि में वक्री 23 अक्तूबर तक रहेंगे। शनि के मकर राशि में वक्री होने पर कुछ राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ सकती है। वक्री चाल को उल्टी चाल कहते हैं ऐसे में कुछ राशियों की परेशानियां बढ़ने के साथ शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या भी लग जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि ग्रह राशि परिवर्तन या चाल बदले हैं तो इसका प्रभाव सभी जातकों पर शुभ या अशुभ के तौर पर जरूर पड़ता है। शनिदेव मकर और कुंभ राशियों के स्वामी हैं। शनि 12 जुलाई, 2022 की सुबह 10:28 बजे स्वराशि मकर में वक्री होने जा रहे हैं और फिर 23 अक्टूबर, 2022 को इसी राशि में मार्गी हो जाएंगे।
इस राशियों पर रहेगी साढ़ेसाती और ढैय्या – शनि देव मौजूदा समय में कुंभ राशि में वक्री है। लेकिन 12 जुलाई को शनिदेव पीछे की तरफ चलते हुए मकर में प्रवेश कर जाएंगे। जिस कारण से धनु,मकर और कुंभ राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा वहीं,मिथुन और तुला राशि पर ढय्या रहेगी। इन राशियों के लोगों को खासतौर से संभलकर रहना होगा और परेशानियों से बचने के लिए शनि के उपाय करने होंगे।
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शनिदोष से बचने के उपाय
– शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें।
– शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें।
– शनिदेव की पूजा में लोहें के बर्तनों का प्रयोग करें।
– काला तिल और उड़द दाल का दान करें।
– शनि देव को काला कपड़ा और नीले फूल चढ़ाएं।